विकाराबाद (तेलंगाना), 15 अक्टूबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जिले के दामागुंडम वन क्षेत्र में भारतीय नौसेना के बेहद कम आवृत्ति (वीएलएफ) वाले रडार स्टेशन की आधारशिला रखी।
यह देश में नौसेना का दूसरा वीएलएफ संचार ट्रांसमिशन स्टेशन है।
तेलंगाना सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में आईएनएस कट्टाबोम्मन रडार स्टेशन अपनी तरह का पहला स्टेशन है।
इस अवसर पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
इससे पहले दिन में केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह तेलंगाना के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि यह देश में इस तरह का दूसरा केंद्र है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. टी. रामा राव ने रडार स्टेशन की स्थापना से पारिस्थितिकी असंतुलन पैदा होने का आरोप लगाते हुए इस निर्माण का विरोध किया। राव के आरोपों का खंडन करते हुए रेड्डी ने कहा कि चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ही थी जिसने केंद्र को रडार स्टेशन की स्थापना के लिए जमीन और मंजूरी दी थी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के प्रमुख ने कहा, ‘‘दिसंबर 2017 में तेलंगाना सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी थी। उस समय जारी सरकारी आदेश के अनुसार, परियोजना के लिए दामागुंडम वन क्षेत्र में 2,900 एकड़ जमीन दी गई थी।’’
रेड्डी ने कहा कि इस परियोजना के संबंध में योजना 2010 में तैयार होने लगी थी जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रडार केंद्र के निर्माण के लिए कुछ पेड़ों को काटने की जरूरत है, इसलिए रक्षा मंत्रालय ने वन विभाग के पास 130 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं।
रामा राव ने सोमवार को आरोप लगाया कि 12 लाख पेड़ों को काटकर 2,900 एकड़ भूमि पर परियोजना बनाई जा रही है।
रेड्डी ने कहा कि 2,900 एकड़ भूमि में से 1,500 एकड़ में कोई निर्माण नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘1,500 एकड़ में एक भी पौधा नहीं हटाया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि भूमि के कुछ हिस्सों में नौसेना के कर्मचारियों के लिए आवास का निर्माण किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने राजनीतिक दलों से इस परियोजना को लेकर विवाद खड़ा नहीं करने की अपील की।