जनता ने विपक्ष की ‘नकारात्मक राजनीति’ खारिज की, सुशासन के राजग के एजेंडे पर उसे भरोसा: मोदी

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नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हरियाणा की जनता ने विपक्ष की ‘नकारात्मक राजनीति’ को खारिज कर स्पष्ट संदेश दिया है कि उसका भरोसा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रगति और सुशासन के एजेंडे पर है।

प्रधानमंत्री ने राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए बृहस्पतिवार को यह बात कही। एक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राजग को 1975 के बाद गैर-कांग्रेसी राजनीतिक दलों का सबसे बड़ा समूह बताया और साल में कम से कम इसकी दो बैठकें आयोजित करने का सुझाव दिया।

इस सम्मेलन में कुल 17 मुख्यमंत्रियों और 18 उपमुख्यमंत्रियों ने भाग लिया।

बयान के मुताबिक, हरियाणा में भाजपा की जीत को ‘महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक’ करार देते हुए मोदी ने कहा, ‘‘राजग ने समाज के सभी वर्गों का विश्वास और समर्थन हासिल किया है।’’

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे विपक्ष ने राजग के किसान विरोधी होने का झूठा विमर्श खड़ा करने की कोशिश की जबकि वह किसान ही थे जो राजग को आशीर्वाद देने के लिए बड़ी संख्या में सामने आए।

मोदी ने कहा कि जनता ने विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को खारिज करने के साथ ही उसे यह स्पष्ट संदेश दिया कि वे राजग की प्रगति और सुशासन के एजेंडे के साथ हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज राजग सरकार आम नागरिकों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा कर रही है और अंतिम छोर तक डिलीवरी सुनिश्चित करना इस सरकार की विशिष्टता रही है, जिसने 2014 से सरकार के प्रति जनता में विश्वास बनाने में मदद की है।’’

इस तथ्य पर प्रकाश डालते हुए कि सुशासन का अर्थ अंततः लोगों की समस्याओं का समाधान खोजना है, मोदी ने कहा कि शिकायत निवारण पर ध्यान देने के साथ समाधान-केंद्रित शासन सभी राजग शासित राज्य सरकारों की एक विशिष्ट पहचान है।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के साथ तुलना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार के 10 वर्षों में 5 लाख पत्रों की तुलना में पिछले 10 वर्षों में उन्हें जनता से 4.5 करोड़ पत्र प्राप्त हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह राजग सरकार में लोगों के विश्वास को दर्शाता है।’’

मोदी ने कहा कि सुचारू शासन, तेजी से निर्णय लेने और शासन में पारदर्शिता ने राजग शासित राज्यों में निवेशकों और निवेश को आकर्षित करने में मदद की।

सम्मेलन के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत पर मोदी को बधाई देने का प्रस्ताव पेश किया, जिसका नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने समर्थन किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के संविधान के निर्माण के 75 वर्ष पूरे होने के जश्न को ‘संविधान का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाने के विषय पर एक प्रस्ताव पेश किया।

बयान में कहा गया कि संविधान की गरिमा की बहाली पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के इतिहास में पहली बार, नयी सरकार का शपथ ग्रहण भारत के संविधान के प्रावधानों के अनुसार आयोजित किया गया।

सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वर्ष 2025 को लोकतंत्र की हत्या के 50वें वर्ष के रूप में मनाने का संकल्प पेश किया। यहां लोकतंत्र का हत्या से संदर्भ आपातकाल से है।

नेताओं ने तीन अन्य प्रस्तावों में भगवान बिरसा मुंडा और सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती और अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी वर्ष 2025 में मनाने का भी संकल्प लिया।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और राजग के वरिष्ठ नेता एन चंद्रबाबू नायडू ने सम्मेलन में आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा पर चर्चा शुरू की। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और विश्व स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की और विशेष रूप से राज्यों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जन-समर्थक सक्रिय सुशासन की अवधारणा के बारे में विस्तार से बताया और सभी राजग शासित राज्यों के साथ-साथ इन राज्यों के मंत्रियों और विधायकों के बीच अधिक से अधिक बातचीत करने और सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ने की आवश्यकता रेखांकित की।

प्रधानमंत्री ने जनभागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि शासन में लोगों की भागीदारी ने सरकार का बोझ कम किया है।

उन्होंने युवाओं के साथ राजग सरकार के सीधे जुड़ाव और उन्हें ‘विकसित भारत’ की यात्रा में शामिल करने की भी सराहना की।

प्रधानमंत्री ने नेताओं से टीबी मुक्त भारत, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, कचरा प्रबंधन, बड़े शहरों को राज्यों के विकास इंजन बनाने, पर्यटन को बढ़ावा देने और कल्याण और विकास के 11-सूत्री कार्यक्रम को अपनाने की दिशा में एकजुट होकर काम करने का आग्रह किया।

मोदी ने राजग नेताओं को सुझाव दिया कि वे सबसे स्वच्छ पर्यटन स्थलों, सबसे स्वच्छ अस्पतालों, सबसे स्वच्छ पंचायतों आदि के लिए राजग शासित राज्यों के शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा करें।