एमयूडीए मामला: मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, सच्चाई की हमेशा जीत होगी- सिद्धरमैया

मैसुरु, तीन अक्टूबर (भाषा) मैसुरू शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) ‘घोटाला’ मामले में जांच का सामना कर रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि सच्चाई की जीत होगी। उन्होंने विपक्ष की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की मांग को एक बार फिर खारिज कर दिया।

उन्होंने यहां चामुंडी पहाड़ियों पर स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर परिसर में दस दिवसीय दशहरा समारोह के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘सत्यमेव जयते।’’

एमयूडीए ‘घोटाले’ को लेकर भाजपा और जद (एस) द्वारा उनके इस्तीफे की मांग के बीच मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक उनके पास लोगों और चामुंडेश्वरी देवी का आशीर्वाद है, तब तक ‘‘कोई भी कुछ नहीं कर सकता।’’

सिद्धरमैया को एमयूडीए मामले में अप्रत्याशित रूप से तब समर्थन मिला, जब जद (एस) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक जी. टी. देवेगौड़ा ने उनके इस्तीफे की मांग की निंदा की।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने कुछ गलत किया होता तो उनके लिए इतने लंबे समय तक राजनीति में बने रहना संभव नहीं होता।

सिद्धरमैया 2013 से 2018 तक भी राज्य के मुख्यमंत्री थे।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले भी मैं पांच साल तक मुख्यमंत्री रहा हूं। संभवत: देवराज उर्स के बाद कर्नाटक के इतिहास में अगर कोई मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाया है तो वह केवल सिद्धरमैया हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बाधाओं और कठिनाइयों के बावजूद उन पर मां चामुंडेश्वरी का आशीर्वाद बना हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘जी. टी. देवेगौड़ा (जद (एस) विधायक) एमयूडीए के सदस्य हैं और उन्हें पता है कि सच्चाई क्या है, इसलिए दूसरी पार्टी में होने के बावजूद उन्होंने सच बोलने की कोशिश की है। ‘सत्यमेव जयते’…, सत्य की हमेशा जीत होगी। इसलिए मैंने कई बार कहा है कि जब तक इस सरकार और सिद्धरमैया को आप लोगों का, राज्य के लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है तब तक कोई कुछ नहीं कर सकता।’’

सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने चामुंडेश्वरी विधानसभा क्षेत्र से आठ चुनाव लड़े हैं जिनमें से पांच बार उन्हें जीत मिली है और तीन बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है, जिसमें देवेगौड़ा के खिलाफ एक बार हुई हार भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी अपनी गलतियों के कारण हुई हार थी, मैं अभी इसका विश्लेषण नहीं करना चाहता। चामुंडेश्वरी के लोगों के आशीर्वाद के कारण ही मैं दो बार मुख्यमंत्री बना हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं वरुणा से तीन बार और बादामी से एक बार, चामुंडेश्वरी से पांच बार चुनाव जीत चुका हूं। मैंने नौ चुनाव जीते हैं। मुझे पहली बार मंत्री बने 40 साल से अधिक समया हो गया है। मैं 17 अगस्त, 1984 को पहली बार मंत्री बना था। देवी चामुंडेश्वरी के आशीर्वाद से मैंने कोई गलत काम नहीं किया है, यदि मैंने कुछ गलत किया होता तो मेरे लिए इतने लंबे समय तक राजनीति में बने रहना संभव नहीं होता।’’

सिद्धरमैया ने कहा कि वह और देवेगौड़ा एक ही तालुका से हैं और पहले भी साथ काम कर चुके हैं।

जद (एस) कोर कमेटी के प्रमुख देवेगौड़ा, जिन्होंने दशहरा समारोह में सिद्धरमैया के साथ मंच साझा किया था, ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा की और साथ ही उन्होंने उनके इस्तीफे की मांग करने वालों पर निशाना साधा।

देवेगौड़ा ने जद (एस) नेता एवं केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘राज्य और केंद्र के लोग, मंत्री बनने के बाद (केंद्र में) अपनी जिम्मेदारी को समझे बिना उनके (सिद्धरमैया) अच्छे कामों को दरकिनार करके हर रोज उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।’’

देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘क्या कुमारस्वामी, जिन्होंने (मांड्या लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से) दो लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल की है, इस्तीफा देने के लिए कहे जाने पर इस्तीफा देंगे? सिद्धरमैया 136 विधायकों के समर्थन से जीते हैं (और मुख्यमंत्री बने हैं)। उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा जा रहा है, क्या उन्हें इस्तीफा देना चाहिए? मुझे बताइए कि कौन सा कानून उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहता है या उन्हें जेल में डालने के लिए कहता है।’’

उन्होंने कहा कि वह सिद्धरमैया के बारे में इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि वह उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी को सिर्फ इसलिए इस्तीफा देना पड़ता है क्योंकि प्राथमिकी दर्ज हो गई है तो ‘‘कांग्रेस, भाजपा या जद (एस) में से कोई भी वहां नहीं होगा। क्या न्यायालय या राज्यपाल ने सिद्धरमैया से इस्तीफा मांगा है या उन्हें जेल में डाला है?’’

देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनमें हिम्मत है तो वे इस्तीफा दे दें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अदालतें हैं, वे फैसला देंगी, जिसका सभी पालन करेंगे।’’

लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में अदालत के आदेश के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती, उनके रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे मल्लिकार्जुन स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) और अन्य के नाम प्राथमिकी में दर्ज हैं।