कर्नाटक में वक्फ भूमि को लेकर किसानों को जारी किए गए नोटिस वापस लिए जाएंगे: मंत्री

बेंगलुरु, कर्नाटक के विजयपुरा जिले में किसानों की भूमि को वक्फ की संपत्ति के तौर पर चिह्नित करने के आरोप सामने आने के बाद राज्य के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच. के. पाटिल ने सोमवार को कहा कि उन्हें जारी नोटिस वापस लिए जाएंगे और उपायुक्त इस “गलती” की जांच करेंगे।

उन्होंने कहा कि किसानों की भूमि को वक्फ की संपत्ति में परिवर्तित करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है और अगर कोई गलती हुई है तो उसे दूर किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पाटिल ने कहा, “जो गलती हुई है, उसे ध्यान में रखते हुए जारी किए गए नोटिस वापस लिए जाएंगे। इसकी जांच की जानी चाहिए कि गलती क्यों हुई और उसके बाद (जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में) निर्णय लिया जाएगा।”

उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जिले के उपायुक्त इस मामले की जांच करेंगे और जारी किए गए नोटिस वापस लेने के लिए कार्रवाई शुरू करने में कुछ दिन लगेंगे।

उन्होंने कहा, “यह मामला संवेदनशील है, मैं संक्षेप में यही कह सकता हूं कि आरोप यह है कि किसानों की जमीन को वक्फ संपत्ति में बदला जा रहा है, सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है। अगर किसी ने ऐसी गलती की है तो उसे सुधारा जाएगा और जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा…जमीन जिसकी है, उसकी ही रहेगी।”

बेंगलुरू दक्षिण से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद तेजस्वी सूर्या ने शुक्रवार को विजयपुरा के किसानों से मुलाकात की। सूर्या ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों की संपत्तियों को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है।

उद्योग मंत्री और विजयपुरा जिले के प्रभारी एम.बी. पाटिल ने टिकोटा तालुक के होनवाड़ा में 1,200 एकड़ को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किए जाने को लेकर “भ्रम” दूर करने की मांग करते हुए कहा कि राजपत्रित अधिसूचना में “त्रुटि” के कारण ऐसा हुआ।

उन्होंने कहा कि 1,200 एकड़ में से केवल 11 एकड़ ही वक्फ संपत्ति है। उन्होंने यह भी कहा कि मुद्दों को हल करने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कार्यबल का गठन किया जाएगा।