बॉलीवुड में जब भी प्रेम कहानियों की चर्चा होती है, तो मधुबाला और दिलीप कुमार की प्रेम कहानी भला कोई कैसे भूल सकता है। खास बात यह रही है कि मोहब्बत का इजहार मधुबाला ने खुद किया, उन्होंने गुलाब के फूल के साथ एक चिट्ठी दिलीप कुमार को भिजवाई, जिसे दिलीप कुमार ने कुबूल कर लिया। दोनों मोहब्बत में इतने डूबगए थे कि मधुबाला जहां भी शूटिंग करतीं, दिलीप कुमार सेट पर पहुंच जाते। दोनों की प्रेम कहानी में मधुबाला के पिता अताउल्ला खान विलेन बन बैठे। अताउल्ला मधुबाला के साथ हमेशा सेट पर मौजूद रहते थे और उन पर कड़ी नजर रखते थे। कहते हैं कि दिलीप कुमार और मधुबाला का रिश्ता सगाई तक पहुंच गया था, लेकिन शादी से पहले दिलीप ने मधुबाला से शादी के बाद फिल्मों में काम छोडऩे और पिता का साथ छोडऩे की शर्त रखी, जिसे मधुबाला नहीं मान सकीं। 1956 में बात और बिगड़ गई, जब फिल्म नया दौर की शूटिंग के लिए बीआर चोपड़ा ने भोपाल में शूटिंग का फैसला किया। मधुबाला के पिता को मधुबाला का मुंबई से बाहर जाना मंजूर नहीं था। बस क्या था फिल्म में मधुबाला की जगह वैजंयती माला को साइन कर लिया गया। कहते हैं कि दिलीप कुमार ने भी बीआर चोपड़ा का साथ दिया। बस यहीं से इन दोनों के रिश्तों में दरार आ गई।