यह सोचना गलत है कि हैरिस भारत से अधिक दूरी रखेंगी : नीरा टंडन
Focus News 29 October 2024वाशिंगटन, 29 अक्टूबर (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की एक शीर्ष भारतीय अमेरिकी सलाहकार ने कहा है कि यह सोचना गलत है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भारत सरकार के साथ अधिक दूरी बना कर रखेंगी।
हैरिस प्रशासन के अंतर्गत भारत-अमेरिका संबंध के बारे में भारतीय अमेरिकी समुदाय के एक समूह की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति की घरेलू नीति सलाहकार नीरा टंडन ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘हां, यह मुझे थोड़ा अजीब लगता है।’’
टंडन ने कहा, ‘‘आप एक ऐसी महिला के बारे में बात कर रहे हैं जो वास्तव में भारत गई है, वहां वह पली बढ़ी हैं, जिनके पास इसका अनुभव हैं। उनके पास अपने नाना की यादें हैं जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया था। वह सुबह अपने नाना-नानी के साथ सैर पर जाती थीं जहां वे राजनीति और भारत में स्वतंत्रता के आह्वान से संबंधित इसके प्रभाव के बारे में बात करते थे।’’
कमला हैरिस की मां भारत के चेन्नई शहर से हैं।
टंडन ने कहा, ‘‘मेरा मतलब है कि अमेरिकी इतिहास में हमारे पास ऐसा कोई नेता नहीं है, जिसके पास इस तरह के अनुभव हों। वह एक ऐसी व्यक्ति हैं जिनके रिश्तेदार भारतीय हैं। यह सोचना बिल्कुल गलत लगता है कि वह भारत सरकार से कम नजदीकी रखेंगी या अधिक दूरी बरतेंगी।’’
उन्होंने कहा कि भारतीय अमेरिकी समुदाय से जो मुद्दे वे सुनती हैं, वे वास्तव में समान अवसर के बारे में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समुदाय के बहुत से लोग अप्रवासी के रूप में यहां आते हैं। वे अवसर की तलाश में यहां आते हैं। यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि उन्हें भी बाकी सभी लोगों के समान अवसर मिलें। उनमें से बहुत से उद्यमी हैं। उन्होंने (बाइडन-हैरिस प्रशासन ने) वास्तव में छोटे व्यवसायों के समर्थन पर ध्यान केंद्रित किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (बाइडन-हैरिस प्रशासन ने) शिक्षा की गुणवत्ता और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता पर भी बहुत ध्यान केंद्रित किया है, क्योंकि मुझे लगता है कि हमारा समुदाय विशेष रूप से अच्छी गुणवत्ता वाले स्कूलों और उच्च शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने पर केंद्रित रहा है।’’
साक्षात्कार के दौरान टंडन ने कहा कि उपराष्ट्रपति हैरिस यथासंभव समावेशी होने और व्यावहारिक परिणामों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हैरिस एक ‘‘शानदार’’ नेता हैं।
टंडन ने कहा, ‘‘वह व्यावहारिक परिणामों और यथासंभव समावेशी होने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।’’
राष्ट्रपति की करीबी सहयोगी टंडन, हैरिस को उस वक्त से जानती हैं जब वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल थीं और दोनों के बीच अक्सर बातचीत होती रहती है। हैरिस अब डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं।
उन्होंने उपराष्ट्रपति के साथ अपनी अक्सर की जाने वाली बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं आपको यह भी बताना चाहूंगी कि मैंने उनसे इस बारे में भी बात की है कि उनकी मां के लिए सप्ताहांत में चपातियां बनाने का अनुभव कैसा होता था और इस बारे में घर लौटने पर उनका अपना अनुभव कैसा रहा है। मैंने उनके घर की रसोई से आने वाली मसालों की खुशबू के बारे में भी बात की है जो कि पड़ोस के अन्य घरों से थोड़ा अलग होता है। साथ ही यह भी कि कैसे उनका स्थानीय समुदाय वास्तव में उनके परिवार का स्वागत करता था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि हर कोई उनके बारे में जाने कि उनके दिल में श्यामला गोपालन (हैरिस की मां) की यादें किस कदर मौजूद हैं। वह एक ऐसी महिला हैं जो 19 साल की उम्र में एक सपना लेकर अमेरिका में बसने की कोशिश में आई थी जो कि अमूमन हमारे कई परिवारों का अनुभव होता है। यह हमारे अनुभव का एक हिस्सा है। हम सभी यहां अवसर की तलाश में उम्मीद के साथ आते हैं। लेकिन यह वास्तव में उस देश पर निर्भर करता है जो सभी को समान नजरिए से देखता है, न कि केवल कुछ लोगों के लिए।’’
टंडन ने उन राजनीतिक समूहों की आलोचना की जो एशियाई देशों और दुनिया के अन्य हिस्सों से वैध प्रवासन को ‘‘प्रतिबंधित’’ करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्वासन की उनकी नीति कई बार उन लोगों के निकटवर्ती लोगों और प्रियजनों को प्रभावित करेगी जो वैध रूप से अमेरिका में प्रवास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैं बस इतना ही कहूंगी कि आव्रजन के बारे में बहुत चर्चा हो रही है। लोग और हमारा प्रशासन हमारी सीमा की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लेकिन वैध आव्रजन के मुद्दे पर राष्ट्रीय नेताओं के बीच एक बड़ा अंतर है। हमारा समुदाय आंशिक रूप से इसलिए बढ़ा है क्योंकि इस देश ने वैध आव्रजन के विस्तार को बहुत महत्वपूर्ण माना है।’’
उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एवं रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘लेकिन इसमें एक बड़ा अंतर है… ऐसे लोग हैं जो विशेष रूप से एशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों से वैध आव्रजन को प्रतिबंधित करना चाहते हैं। मुझे नहीं लगता कि इस पर पर्याप्त चर्चा हुई है।’’