सरकार सौर सेल के लिए एएलएमएम जारी करने की तैयारी में

नयी दिल्ली, भारत के हरित ऊर्जा की ओर बदलाव को बढ़ावा देने के लिए सरकार मॉड्यूल विनिर्माण की तर्ज पर सौर सेल के लिए मॉडल और विनिर्माताओं की एक अनुमोदित सूची (एएलएमएम) पेश करने की योजना बना रही है। सरकार एक अप्रैल, 2026 से सौर पीवी सेल के लिए एएलएमएम के तहत दूसरी सूची (सूची-2) को प्रभावी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

सरकार ने ‘मेड इन इंडिया’ सौर पैनल के विनिर्माण और इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सौर मॉड्यूल के लिए 2019 में एएलएमएम आदेश (सूची एक) पेश किया था। एएलएमएम सूची एक में शामिल मॉडल और निर्माताओं से पीवी मॉड्यूल की खरीद को अनिवार्य कर दिया गया था।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के एक कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, दो जनवरी, 2019 के एएलएमएम आदेश में सौर पीवी मॉड्यूल के मॉडल और विनिर्माताओं को निर्दिष्ट किया गया है, जबकि सूची- दो सौर पीवी सेल के मॉडल और विनिर्माताओं की पहचान करेगी और उन्हें इसमें शामिल करेगी।

सरकारी दस्तावेज में कहा गया है कि हालांकि, आज तक, सौर पीवी सेल की सूची दो जारी नहीं की गई है क्योंकि देश में सौर पीवी सेल की स्थापित क्षमता मांग से कम थी।

सौर पीवी सेल के लिए एएलएमएम के क्रियान्वयन के लिए एएलएमएम आदेश में संशोधन के मसौदे के अनुसार, ‘‘अगले दो वर्षों में देश में सौर पीवी सेल की स्थापित क्षमता में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है, इसलिए एएलएमएम के तहत सौर पीवी सेल की सूची-दो जारी करने का प्रस्ताव किया गया है, जो एक अप्रैल, 2026 से प्रभावी होगी।’’

मसौदा पत्र में यह भी प्रस्तावित किया गया है कि सौर पीवी मॉड्यूल – जो वर्तमान में एएलएमएम सूची-एक (सौर पीवी मॉड्यूल के लिए) में सूचीबद्ध हैं, जिनकी समाप्ति तिथि 31 मार्च, 2026 से आगे है – को भी एक अप्रैल, 2026 से एएलएमएम सूची-दो (सौर पीवी सेल के लिए) में शामिल सौर पीवी सेल का उपयोग करना होगा। मसौदे के अनुसार, यदि मॉड्यूल में सूची-दो में शामिल सेल नहीं हैं, तो उन्हें एएलएमएम सूची-एक से हटाया जा सकता है।

मसौदे में कहा गया है, ‘‘सभी परियोजनाएं, जिनमें बोली जमा करने की अंतिम तिथि इस आदेश के जारी होने से पहले है, उन्हें एएलएमएम सूची-दो से सौर पीवी सेल का उपयोग करने की अनिवार्य जरूरत से छूट दी जाएगी।’’

‘सस्टेनेबल प्रोजेक्ट्स एंड डेवलपर्स एसोसिएशन’ (एसडीपीए) के अध्यक्ष विनीत मित्तल ने कहा कि सौर सेल के लिए एएलएमएम तंत्र की शुरुआत से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि सरकार समर्थित परियोजनाओं में केवल स्वीकृत, उच्च गुणवत्ता वाले और भरोसेमंड उत्पादों का उपयोग किया जाए।

उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आएगी, जो भारत के दीर्घकालिक नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।

यूटीएल सोलर के सह-संस्थापक योगेश दुआ ने कहा, ‘‘हम उद्योग को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का स्वागत करते हैं। यह न केवल 500 गीगावाट के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा, बल्कि हमारे लक्ष्यों को भी पूरा करेगा। इस कदम से कुशल सौर परियोजनाओं के जरिये उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा।’’