नयी दिल्ली, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए शुक्रवार को व्यापक वार्ता करेंगे।
शोल्ज भारत में अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने उनका स्वागत किया।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जर्मनी के ओलाफ शोल्ज सातवें अंतर-सरकारी परामर्श और जर्मन व्यापार के 18वें एशिया प्रशांत सम्मेलन (एपीके 2024) के लिए नयी दिल्ली पहुंचे हैं। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।’’
विदेश मंत्रालय ने पहले एक बयान में बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर शोल्ज 24 से 26 अक्टूबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे।
दोनों नेता रक्षा, व्यापार और स्वच्छ ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक वार्ता करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शोल्ज 25 अक्टूबर को सातवें अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता करेंगे।
आईजीसी एक संपूर्ण सरकारी ढांचा है, जिसके तहत दोनों पक्षों के मंत्री अपनी-अपनी जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों में चर्चा करते हैं और अपने विचार-विमर्श के परिणामों की रिपोर्ट प्रधानमंत्री और चांसलर को देते हैं।
आईजीसी एक द्विवार्षिक कवायद है और पिछली बार इसका आयोजन मई 2022 में बर्लिन में किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चांसलर के बीच बैठक में जर्मन-भारतीय हरित और सतत विकास साझेदारी (जीएसडीपी) पर सहमति बनी थी।
शोल्ज से पहले पहुंचे जर्मनी के उप-चांसलर रॉबर्ट हेबेक ने जर्मन व्यापार के 18वें एशिया-प्रशांत सम्मेलन के महत्व पर संवाददाताओं से बात की जो शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
हेबेक ने कार्यक्रम को संबोधित करने से पहले शोल्ज और मोदी को धन्यवाद दिया।
भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था कि जर्मनी के मंत्रिमंडल ने हाल में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज ‘फोकस आन इंडिया’ को मंजूरी दी है जिसमें सभी मंत्रालय और विभाग इस बात पर सहमत हुए हैं कि द्विपक्षीय संबंधों को अगले स्तर तक कैसे ले जाया जाए।
एकरमैन ने कहा था कि ‘‘हमारे पास बहुत सी चीजें होंगी’’ जिन पर शुक्रवार को चर्चा की जाएगी जब चांसलर और जर्मनी के पांच संघीय मंत्री नयी दिल्ली में होंगे।