‘फरसनामा’: मुजफ्फर अली की घोड़ों और अधूरी फिल्म पर आधारित कलाकृतियों की प्रदर्शनी

नयी दिल्ली, कलाकार एवं फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली की यहां आयोजित एक नयी प्रदर्शनी में चार दशकों में बनाए गए उनके रेखाचित्रों से लेकर उनके पसंदीदा विषय – घोड़े पर आधारित उनकी चित्रकलाओं को प्रदर्शित किया गया है।

उमा नायर द्वारा यहां बीकानेर हाउस में आयोजित ‘फरसनामा: लीजेंड ऑफ द हॉर्स’ प्रदर्शनी को चार खंडों में विभाजित किया गया है जिसमें घोड़ों पर आधारित उनके रेखाचित्र और मूर्तियां, उनकी अधूरी फिल्म के एक पात्र पर आधारित ‘जूनी’ के चित्र तथा ‘कैलिग्राफी’ (सुलेखन की कला) अध्ययन का एक सेट शामिल है।

अली ने कहा, ‘‘मैंने घोड़ों के जितने भी रेखाचित्र बनाएं हैं, वे सभी भारतीय उपमहाद्वीप के हैं जो इसे और खूबसूरत बनाते हैं। मुझे उनका उन्मुक्त स्वभाव और प्रेम एवं वफादारी के उनके अंतर्निहित गुणों हमेशा से पसंद रहे हैं।’’

फिल्म ‘उमराव जान’ के निर्देशक ने कहा, ‘‘घोड़े शांति, सुंदरता और प्रेम की सार्वभौमिक भाषा का प्रतीक हैं। जब कोई घोड़ा ब्रश और रंगों के जरिए चित्रकलाओं के रूप में दर्शाया जाता है तो वह एक शाश्वत सत्य बन जाता है और वह चित्र कला के ऐसे रूप में बदल जाता है जो सुकून देती है। ’’

यह प्रदर्शनी 28 अक्टूबर को समाप्त होगी।