नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने तत्काल सुनवाई के लिए एक ही मामले का अलग-अलग वकीलों द्वारा उल्लेख करने की परंपरा की मंगलवार को निंदा करते हुए कहा कि वह इसकी अनुमति नहीं देंगे क्योंकि यह उनकी ‘‘खुद की विश्वसनीयता’’ को दांव पर लगाता है।
कई बार, वकील अपने मामलों को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कराने के लिए जोखिम उठाते हैं और अधिवक्ताओं को बदलकर एक ही मामले को बार-बार अलग-अलग तारीखों पर उल्लेखित करवाते हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अलग-अलग वकीलों द्वारा बार-बार उल्लेख कराने की इस परंपरा को बंद करें। आप सभी जोखिम मोल लेने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश के रूप में मेरे पास जो भी थोड़ा बहुत विवेक है, उसका इस्तेमाल कभी भी आपके पक्ष में नहीं किया जाएगा, क्योंकि इस न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘तीन अलग-अलग वकील लाइए और देखिए…न्यायाधीश के पलक झपकाते ही आपको आदेश मिल जाता है। यही इस न्यायालय में हो रहा है। मैं ऐसा नहीं करूंगा। क्योंकि मेरी खुद की विश्वसनीयता दांव पर है…।’’
दिन की कार्यवाही की शुरुआत में ये टिप्पणियां की गईं, जब एक वकील ने तत्काल सूचीबद्ध कराने के लिए खनन पट्टे की समाप्ति से जुड़े एक मामले का उल्लेख किया।