इंफाल, 23 अक्टूबर (भाषा) मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के हिंसा प्रभावित और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए 7,000 घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
इंफाल में मुख्यमंत्री सचिवालय में संवाददाताओं से मुखातिब सिंह ने जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य की स्थिति को लेकर फिक्रमंद होने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य नेताओं का शुक्रिया अदा करता हूं, क्योंकि वे राज्य की स्थिति को लेकर वाकई चिंतित हैं। हाल ही में केंद्र ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए राज्य में लगभग 7,000 घरों के निर्माण को मंजूरी दी। इससे वे उन स्कूल-कॉलेज से निकल सकेंगे, जहां उन्होंने फिलहाल आश्रय ले रखा है।”
सिंह ने कहा, “आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए 2,000 और घर बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।”
किस जिले में कितने घर बनाए जाएंगे, इस बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने बताया, “बिष्णुपुर में 1,015, चुराचांदपुर में 1,331, काकचिंग में 1,217, चंदेल में 511, कांगपोकपी में 1,813, इंफाल वेस्ट में 225 और इंफाल ईस्ट में 594 घरों का निर्माण किया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि नितिन गडकरी के नेतृत्व वाले सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने राज्य में राजमार्ग निर्माण के लिए 1,000 करोड़ रुपये और पहाड़ी जिला मुख्यालयों में सड़कें बनाने के लिए 175 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
सिंह ने कहा कि सड़क एवं परिवहन मंत्रालय और मणिपुर सरकार ने लंबित 28 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के संबंध में गलतफहमियां दूर कर ली हैं।
उन्होंने मणिपुर में 220 करोड़ रुपये की लागत से विश्व स्तरीय फुटबॉल स्टेडियम बनाने की योजना का भी जिक्र किया।
सिंह ने बताया कि पहाड़ी जिलों में निर्माण सामग्री का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय और पुलिस महानिदेशक से चर्चा की गई है।
उन्होंने बताया कि आंतरिक रूप से विस्थापित प्रत्येक व्यक्ति को दिवाली और निंगोल चाकोउबा से पहले 1,000 रुपये देने का फैसला किया गया है, जबकि वेतन, भत्ते और पेंशन 31 अक्टूबर तक जारी कर दी जाएगी।
जिरीबाम जिले में हाल में हुई हिंसा के बारे में, जहां एक फार्महाउस और एक स्कूल को आग के हवाले कर दिया गया था, सिंह ने कहा, “कुछ ऐसे लोग हमेशा होते हैं, जो राज्य में शांति की बहाली के खिलाफ होते हैं। मैंने एक सहयोगी को जिरीबाम भेजा, जिसने सभी समुदायों के नेताओं से मुलाकात की और मामला सुलझाया।”