दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में ‘खराब’ जीवन स्थितियों को लेकर भाजपा ने आप सरकार की आलोचना की

नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रीय राजधानी की झुग्गी-झोपड़ियों तक अपनी पैठ बनाने के अभियान के तहत रविवार को दिल्ली भर में 245 झुग्गी-झोपड़ियों में विरोध प्रदर्शन किया।

भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के शासनकाल में खराब जीवन परिस्थितियों और विकास की कमी का आरोप लगाया।

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अभियान का नेतृत्व करते हुए दावा किया कि ‘आप’ के कुप्रबंधन के कारण पीड़ित झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग राष्ट्रीय राजधानी में आप की सरकार को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं। इस अभियान के तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक और पार्षद शामिल हुए।

सचदेवा ने कहा, “मध्यम वर्ग और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग अरविंद केजरीवाल और आतिशी के खंडित वादों से तंग आ चुके हैं। दयनीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर ये नागरिक आप को दिल्ली से बाहर करेंगे।”

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वह दिल्ली के झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करेगी।

विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों में दुष्यंत गौतम, रामवीर सिंह बिधूड़ी, योगेंद्र चंदोलिया, कमलजीत सहरावत, विजेंद्र गुप्ता और मीनाक्षी लेखी समेत कई नेता शामिल थे।

भाजपा नेताओं ने एक बयान में आप सरकार पर इन कमजोर समुदायों से किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया।

भाजपा नेता प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “सालों से आप सरकार ने इन नागरिकों का इस्तेमाल राजनीतिक मोहरा के तौर पर किया है, लेकिन उनके (नागरिकों के) जीवन स्तर में कोई सुधार नहीं किया है। अब बदलाव का समय आ गया है।”

भाजपा के आरोपों के जवाब में आप ने एक बयान में कहा, “पिछले दो वर्षों में, डीडीए, रेलवे और एलएनडीओ सहित केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा 2,00,000 से अधिक गरीब झुग्गीवासियों को बेघर कर दिया गया है, जो नियमित रूप से इन बस्तियों को ध्वस्त करने के लिए अदालती आदेश मांगते हैं।”

बयान में कहा गया है, “पुनर्वास के अभाव के कारण अराजकता फैल गई है, विस्थापित परिवारों को फुटपाथ पर या अस्थायी आश्रयों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इन अचानक ध्वस्तीकरणों के कारण बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फैल गई है और अनगिनत बच्चों की शिक्षा बाधित हुई है।”

आप ने कहा, “प्रभावित लोगों की सख्त प्रतिक्रिया के भय से भाजपा ने अब अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन गरीब लोग याद रखते हैं कि वास्तव में उनकी मदद किसने की है।”