बाबरिया को चुनाव से पहले इस्तीफा देना चाहिए था: अजय यादव

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस की हरियाणा इकाई के वरिष्ठ नेता कैप्टन (सेवानिवृत्त) अजय सिंह यादव ने सोमवार को राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए सूक्ष्म-प्रबंधन की कमी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अब त्यागपत्र की पेशकश कर रहे प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को चुनाव से पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।

हाल ही में पार्टी से इस्तीफा देने और फिर इसे वापस लेने वाले यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि चुनाव के बाद उनके पास भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जाने का प्रस्ताव था, लेकिन वह नहीं गए क्योंकि उनका और उनके परिवार का कांग्रेस से 70 साल पुराना संबंध है।

उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से उनकी बात सुनने का विश्वास दिलाया गया जिसके बाद उन्होंने त्यागपत्र वापस लिया।

यादव ने कहा कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में ओबीसी समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।

अजय सिंह यादव ने सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष पद से हटने के बाद अपने साथ खराब व्यवहार किये जाने का आरोप लगाते हुए गत 17 अक्टूबर को को पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) विभाग के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था।

हालांकि, इसके दो दिन बाद ही अपने फैसले से पीछे हटते हुए उन्होंने कहा था कि वह ‘जन्मजात कांग्रेसी’ हैं और ‘आखिरी सांस तक’ कांग्रेसी बने रहेंगे।

यादव ने सोमवार को यहां प्रेस क्लब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस्तीफा वापस लेने का कारण है कि मुझसे कहा गया है कि आपकी बात सुनी जाएगी। मैं भाजपा में नहीं जा रहा था। बाकी लोग भाजपा में चले जाते है। मेरे पास तो भाजपा में जाने का प्रस्ताव था। चुनाव के बाद यह प्रस्ताव था।’’

उनका कहना था, ‘‘मैंने पूरी जिंदगी कांग्रेस निकाल दी। मेरे बेटा चिरंजीव कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव है। मेरे पिता 1952 में विधायक बन गए थे। हमारा 70 साल का नाता कांग्रेस के साथ है।’’

कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बबारिया के इस्तीफे की पेशकश का हवाला देते हुए यादव ने कहा, ‘‘बाबरिया जी अब कह रहे हैं कि इस्तीफा देने का प्रस्ताव दिया है। पहले क्यों नहीं किया। जब आप बीमार थे तो उसी समय इस्तीफा क्यों नहीं दिया।’’

उन्होंने हार के कारणों का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां पार्टी के स्तर पर सूक्ष्म-प्रबंधन और समन्वय का अभाव था।

हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायक मामन खान के विवादित बयान और भाजपा के ‘बंटोगे तो कटोगे’ वाले विमर्श का भी असर हुआ।

उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर भी इस चुनाव में संदेह पैदा हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कार्य समिति में हरियाणा से सिर्फ जाट और दलित समुदायों को प्रतिनिधित्व मिला है, जबकि भाजपा ने केंद्र में राज्य के कई ओबीसी नेताओं को मंत्री बनाया है।

यादव ने कहा कि कांग्रेस के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और ओबीसी विभागों के प्रमुखों को भी विस्तारित कांग्रेस कार्य समिति का हिस्सा होना चाहिए तथा ओबीसी विभाग के प्रमुख सिर्फ रस्मी पद नहीं होना चाहिए।

उन्होंने उम्मीद जताई कि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण में वंचित समाज का ध्यान रखा जाएगा।