नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (भाषा) भारतपे के सह-संस्थापक एवं पूर्व प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष दाखिल अपनी वह याचिका वापस ले ली, जिसमें उन्होंने वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी के निदेशक मंडल पर दमनकारी आचरण तथा कुप्रबंधन का आरोप लगाया था।
ग्रोवर ने 30 सितंबर 2024 को कंपनी के साथ समझौता कर लिया था।
अशनीर ग्रोवर की ओर से पेश वकील ने याचिका वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया और समझौते की एक प्रति भी एनसीएलटी के समक्ष पेश की।
एनसीएलटी के 14 अक्टूबर 2024 के आदेश में कहा गया, ‘‘ … उक्त याचिका के लंबित रहने के दौरान पक्षकार समझौता कर चुके हैं। 30 सितंबर 2024 को समझौता निष्पादित हो चुका है, जिसकी एक प्रति रिकॉर्ड में रखी गई है। समझौता आवेदक (जो मुख्य कंपनी याचिका में याचिकाकर्ता है) ने कंपनी याचिका वापस लेने की स्वतंत्रता मांगी है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘ आवेदक को कंपनी याचिका वापस लेने की स्वतंत्रता दी जाती है… और इसे वापस लिया गया मानकर खारिज किया जाता है। वर्तमान आईए का निपटारा किया जाता है।’’
इसके अलावा, ग्रोवर ने 17 अक्टूबर को एनसीएलएटी से भी अपनी याचिका वापस ले ली, जिसमें उन्होंने एनसीएलटी में मामले की शीघ्र सुनवाई की मांग की थी।
वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी भारतपे ने हाल ही में अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ समझौता कर लिया था। इसके साथ ही दोनों के बीच महीनों से जारी कानूनी और सार्वजनिक विवाद समाप्त हो गया था।