अमेरिका, भारत ने छठी मंत्रिस्तरीय वाणिज्यिक वार्ता की

वाशिंगटन, चार अक्टूबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने बृहस्पतिवार को यहां छठी वाणिज्यिक वार्ता की।

दोनों मंत्रियों ने बैठक में सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला, नवाचार प्रतिबद्धता, ऊर्जा-उद्योग तंत्र और समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे में हुई प्रगति की समीक्षा की।

दोनों नेताओं ने एक दिन पहले महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं का विस्तार तथा विविधता लाने के लिए एक नए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में अधिक मजबूती सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों की पूरक शक्तियों का फायदा उठाना है।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अमेरिका तथा भारत के महत्वपूर्ण खनिजों की खोज, निष्कर्षण, प्रसंस्करण तथा शोधन, पुनर्चक्रण व पुनर्प्राप्ति के पारस्परिक रूप से लाभकारी वाणिज्यिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए उपकरण, सेवाओं, नीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान करना शामिल है।

वाणिज्यिक वार्ता के दौरान, गोयल और रायमोंडो ने मजबूत, सुरक्षित तथा टिकाऊ सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए दोनों पक्षों के निरंतर प्रयासों की सराहना की।

वाणिज्य विभाग ने बयान में कहा, गोयल और रायमोंडो ने निवेश, संयुक्त उद्यम तथा प्रौद्योगिकी साझेदारी जैसे पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यावसायिक अवसरों की दिशा में अमेरिकी तथा भारतीय कंपनियों के बीच सहयोग को सुविधाजनक बनाने के साथ दोनों देशों के लाभ के लिए प्रतिभा व कार्यबल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन के तहत काम जारी रखने की प्रतिबद्धता जतायी।

दोनों नेताओं ने नवंबर 2023 में सैन फ्रांसिस्को में और मार्च 2024 में नई दिल्ली में आयोजित दो गोलमेज सम्मेलन की सफलता की सराहना की। उन्होंने मार्च में नई दिल्ली में ‘क्लीन एज’ और पर्यावरण प्रौद्योगिकी व्यवसाय विकास मिशन के दौरान आयोजित ईआईएन गोलमेज सम्मेलन में किए गए कामों की भी प्रशंसा की। व्यापार मिशन ने 12 अमेरिकी कंपनियों को भारत में स्थायी तथा सुरक्षित स्वच्छ ऊर्जा बाजारों को विकसित करने और भारत में पर्यावरण समाधानों को अपनाने में तेजी लाने में मदद के लिए जोड़ा गया।

गोयल और रायमोंडो ने मार्च 2025 की शुरुआत में अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय के नेतृत्व वाले वैश्विक विविधता निर्यात पहल व्यापार मिशन के भारत आने की उम्मीद व्यक्त की। इसमें उन अमेरिकी लघु व मझोले उद्यम (एसएम) के लिए भारतीय बाजार में अवसरों के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिनका स्वामित्व, संचालन या नेतृत्व वंचित समुदायों के सदस्यों के पास है।