हैदराबाद, तेलंगाना सरकार कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई) का इस्तेमाल करके अगले तीन वर्ष में एक करोड़ से अधिक लोगों के लिए जन सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाने और सरकारी कर्मचारियों की उत्पादकता में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि करने की योजना बना रही है।
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने ‘एआई संचालित तेलंगाना रणनीति दस्तावेज और कार्यान्वयन रूपरेखा’ रिपोर्ट को जारी किया। इसमें कहा गया है कि तेलंगाना को एआई-संचालित राज्य के तौर पर सक्षम बनाने के लिए छह महत्वपूर्ण स्तंभों की पहचान की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘सरकार का मकसद अगले तीन वर्ष में एक करोड़ से अधिक लोगों के लिए सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाना और सरकारी कर्मचारियों की उत्पादकता में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि करना है, जिससे पूरे भारत में एआई-संचालित शासन के लिए मानक स्थापित होगा।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘सरकार कार्यकुशलता और सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाने के लिए अपने कार्यों में एआई का इस्तेमाल कर एक उदाहरण पेश करेगी और शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि विभिन्न क्षेत्रों में शासन की महत्वपूर्ण चुनौतियों को दूर करने के लिए ‘जेनरेटिव एआई’ का लाभ उठाया जाएगा।’’
यहां आयोजित ‘ग्लोबल एआई समिट’ में रिपोर्ट जारी करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेड्डी ने कहा कि समाज और लोगों के जीवन में प्रौद्योगिकी और नवाचार से जितना बदलाव संभव है, उतना किसी और से नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘कृत्रिम मेधा के इस्तेमाल के प्रति हमारी प्रतिबद्धता नयी नहीं है। हमने पहले ही आईए के लिए बड़े कदम उठाए हैं। हम अपने भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखना चाहते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नैसकॉम’ के साथ साझेदारी में ‘तेलंगाना एआई मिशन’ या ‘टी-एआईएम’ राज्य में एआई ढांचे को लागू करने में मदद करेगा।
सूचना एंव प्रौद्योगिकी मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने भी इस कार्यक्रम को संबोधित किया।