मुंबई, ‘ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे’ गाने से लेकर हर मशहूर संवाद और हर अभिनेता की एंट्री पर तालियां बजाने तक प्रशंसकों ने फिल्म ‘शोले’ की विशेष स्क्रीनिंग के दौरान इसके जादू को फिर से महसूस किया।
फिल्म ‘शोले’ की रिलीज को लगभग 50 साल पूरे हो चुके हैं।
गैर-लाभकारी संगठन फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएफ) ने कोलाबा के रीगल सिनेमा में 1975 की प्रसिद्ध फिल्म ‘शोले’ की ‘विंटेज प्रिंट’ में विशेष स्क्रीनिंग का शाम छह बजे आयोजन किया था। फिल्म देखने के लिए लोग लंबी-लंबी कतारों में खड़े नजर आए।
फिल्म ‘शोले’ बॉलीवुड के इतिहास की सबसे प्रसिद्ध फिल्मों में से एक है। सलीम खान और जावेद अख्तर ने यह फिल्म लिखी तथा रमेश सिप्पी ने इसका निर्देशन किया था।
जय, वीरू और ठाकुर जैसे लोकप्रिय पात्रों के साथ-साथ हिंदी सिनेमा के प्रतिष्ठित खलनायकों में से एक गब्बर सिंह और भरपूर संवादों तथा एक्शन आधारित दृश्यों के कारण लोगों ने इस फिल्म को बहुत पसंद किया था।
हजार से अधिक सीटों वाले रीगल सिनेमाघर में फिल्म ‘शोले’ की विशेष स्क्रीनिंग के दौरान लोगों का उत्साह देखने लायक था। वे इस फिल्म को उसके मूल स्वरूप में देखने के लिए काफी उत्साहित नजर आए।
एक प्रशंसक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं उसी समय में वापस चला गया हूं। ‘विंटेज प्रिंट’ वाकई पुराने जमाने का अनुभव देता है। दर्शक उत्साहित हैं। वाकई यह एक अविस्मरणीय अनुभव है।”
फिल्म ‘शोले’ में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, जया बच्चन (जया भादुड़ी), संजीव कुमार, अमजद खान, ए के हंगल, असरानी, इफ्तिखार, जगदीप, केष्टो मुखर्जी, लीला मिश्रा, मैक मोहन और विजू खोटे सहित कई कलाकारों ने भूमिका निभाई थी।
फिल्म ‘शोले’ की स्क्रीनिंग से पहले प्रसिद्ध लेखक सलीम और जावेद ने प्रशंसकों से बात की। उन्होंने तालियां और सीटियां बजाकर उनका स्वागत किया।
जावेद अख्तर ने कहा, ‘‘आमतौर पर लेखकों के साथ ऐसा नहीं होता।’’
गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर (79) ने दर्शकों के प्रति आभार व्यक्त किया।