साउथेम्पटन विवि ने भारतीय कैंपस के लिए पेश की योजना, आठ साल में 5,500 छात्रों को मिलेगा दाखिला

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नयी दिल्ली,  ब्रिटेन के साउथेम्पटन विश्वविद्यालय ने भारत में अपने विदेशी कैंपस में अगले आठ साल में 30 पाठ्यक्रम पेश करने और 5,000 से अधिक छात्रों को दाखिला देने की योजना बनाई है। भारत में किसी विदेशी विश्वविद्यालय का यह पहला कैंपस है। शीर्ष अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

‘इंटरनेशनल एंड इंगेजमेंट’ मामलों के उपाध्यक्ष एंड्रयू आथर्टन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में विश्वविद्यालय के एजेंडे पर विस्तारपूर्वक बात करते हुए कहा कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बनने वाले कैंपस का संचालन अगले साल शुरू होगा।

उन्होंने कहा कि साउथेम्पटन कैंपस की तुलना में भारतीय कैंपस में ट्यूशन फीस 40 प्रतिशत कम होगी और दाखिले की प्रक्रिया समान होगी।

भारत सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में इस प्रख्यात विश्वविद्यालय को देश में कैंपस स्थापित करने के लिए आशय पत्र प्रदान किया था।

ऑस्ट्रेलिया के डीकिन विश्वविद्यालय और वोलोंगोंग विश्वविद्यालय पहले ही गुजरात के गिफ्ट सिटी में कैंपस स्थापित कर चुके हैं, हालांकि साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय यूजीसी मानदंडों के तहत भारत में कैंपस स्थापित करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय होगा।

आर्थटन ने कहा, ‘‘पहले आठ से 10 वर्षों में 5,500 छात्रों को दाखिला देने का लक्ष्य है। इसलिए पहले साल कम छात्रों को दाखिला दिया जाएगा। हम शुरुआत में छह पाठ्यक्रम पेश करेंगे, जिनमें चार स्नातक और दो स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम होंगे।”

उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद प्रत्येक वर्ष, हम दो से चार नए कार्यक्रम पेश करेंगे और धीरे-धीरे 30 से ज्यादा पाठ्यक्रम पेश किए जाएंगे, जिनमें से लगभग 20 स्नातक जबकि 12 स्नातकोत्तर होंगे।”