सोलेक्स एनर्जी 8,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, 24,000 से अधिक लोगों को देगी नौकरी

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) सौर मॉड्यूल बनाने वाली घरेलू कंपनी सोलेक्स एनर्जी ने विनिर्माण क्षमता बढ़ाने और सौर सेल विनिर्माण के क्षेत्र में कदम रखने के लिए वर्ष 2030 तक 8,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की सोमवार को घोषणा की। साथ ही कंपनी 24,000 से अधिक लोगों को रोजगार भी देगी।

गुजरात की कंपनी सोलेक्स एनर्जी ने अपनी विस्तार योजना के तहत 2030 तक मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता मौजूदा 1.5 गीगावाट से बढ़ाकर 15 गीगावाट करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ कंपनी ने दो गीगावाट की शुरूआती क्षमता के साथ सौर सेल बनाने का कारखाना लगाने की भी योजना बनायी है।

सोलेक्स एनर्जी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक चेतन शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम ‘विजन 2030’ के तहत मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता बढ़ाकर 15 गीगावाट करने और सौर सेल बनाने के क्षेत्र में कदम रखने के लिए 2030 तक 8,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इस विस्तार योजना के तहत 24,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिये जाएंगे।’’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘अभी कंपनी के कर्मचारयों की संख्या 600 से अधिक है। हम इसे बढ़ाकर 2025 मार्च तक 1,000 और 2030 तक 25,000 करेंगे।’’

शाह ने कहा कि सौर क्षेत्र में प्रशिक्षित कार्यबल की जरूरत को देखते हुए कंपनी स्थानीय लोगों को हुनरमंद बनाने पर जोर देगी।

निवेश राशि के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा, ‘‘यह राशि कर्ज और इक्विटी के जरिये जुटायी जाएगी। इसमें इक्विटी हिस्सेदारी ज्यादा होगी। हम संयुक्त उद्यम के जरिये भी पूंजी जुटा सकते हैं। कोष जुटाने को लेकर हमारी बातचीत जारी है और इस बारे में जल्द ही घोषणा की जाएगी।’’

गुजरात की कंपनी ने इस मौके पर आयताकार सेल-आधारित सौर मॉड्यूल (पैनल) भी पेश किया। कंपनी का दावा है कि यह ‘एन टाइप टॉपकॉन’ प्रौद्योगिकी पर आधारित देश का पहला आयताकार सेल आधारित सौर मॉड्यूल है। कंपनी इसे ‘तापी-आर’ ब्रांड के तहत बेचेगी।

कंपनी के अनुसार ‘एन टाइप टॉपकॉन’ प्रौद्योगिकी पर आधारित आयताकार सौर पैनल काफी दक्ष होते हैं और यह लंबे समय तक चलता है। परंपरागत पैनल के मुकाबले सात प्रतिशत अधिक बिजली सृजित करता है।

कंपनी का गुजरात के सूरत में सौर मॉड्यूल बनाने का बड़ा कारखाना है। इसके अलावा कंपनी विस्तार योजना के तहत सौर सेल बनाने के लिए मध्य प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कारखाना लगाने की संभावना तलाश रही है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कंपनी का राजस्व 2023-24 में 363 करोड़ रुपये था जो अगले साल बढ़कर 800 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।