झीलों पर से अतिक्रमण हटाना सरकार की प्राथमिकता होगी : तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी

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हैदराबाद, तीन सितंबर (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि झीलों और ‘नालों’ पर अतिक्रमण से होने वाले नुकसान को देखते हुए इसे हटाना राज्य सरकार की प्राथमिकता होगी।

बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद महबूबाबाद जिला कलेक्टरेट में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में उन्होंने राज्य भर के अधिकारियों से झीलों जैसे जलाशयों पर अतिक्रमण पर रिपोर्ट तैयार को कहा।

रेड्डी ने कहा, ‘‘आइए, नियमों का पालन करते हुए अतिक्रमण हटाने के लिए ठोस कदम उठाएं। सरकार इसे विशेष कार्य योजना के तौर पर लेगी। हम झीलों और नालों पर अतिक्रमण हटाने पर प्राथमिकता से काम करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि झीलों जैसे जलाशयों पर अतिक्रमण करके घर, फार्महाउस बनाना या अतिक्रमण की गयी जमीन बेचना एक अक्षम्य अपराध है।

उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रकोप की तुलना में इस तरह के अतिक्रमण अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं जिससे रिहायशी इलाकों में बाढ़ आ रही है। उन्होंने कहा कि जलाशयों पर अवैध अतिक्रमण की समस्या पर रोक लगानी होगी।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड तथा हैदराबाद के उदाहरण देते हुए कहा कि अगर स्वार्थी हितों की पूर्ति के लिए ‘‘प्रकृति पर हमला’’ किया जाएगा तो इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।

उन्होंने अधिकारियों से भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान तथा बाढ़ का पानी घटने के बाद बीमारियों के प्रसार पर नियंत्रण के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।

रेड्डी ने कहा कि सरकार ने भारी बारिश और बाढ़ के दौरान बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वाले लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) द्वारा बाढ़ राहत उपायों को लेकर सरकार पर निशाना साधे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता और बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ‘‘दिखायी नहीं देते हैं’’ जबकि उनके बेटे और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के टी राम राव अमेरिका की यात्रा पर हैं।

तेलंगाना में गत शनिवार से अब तक भारी बारिश के कारण कम से कम 16 लोगों की मौत हो गयी है।