पुजारा पिछले दो ऑस्ट्रेलियाई दौरों पर भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ थे, इस बार उनकी कमी खलेगी: विहारी

pujji_d

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) ऑस्ट्रेलिया में भारत की लगातार दो श्रृंखला जीत का हिस्सा रहे हनुमा विहारी का मानना ​​है कि इस साल के अंत में जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में जीत की हैट्रिक पूरी करने के लक्ष्य के साथ उतरेगी तो उसे अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा की काफी कमी खलेगी।

पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होगी। भारतीय टीम से बाहर चल रहे पुजारा 2018-19 श्रृंखला में 1258 गेंदों पर 521 रन बनाकर सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे और तीन साल बाद एक बार फिर भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ बने जब उन्होंने 928 गेंदों पर 271 रन बनाए।

भारत के लिए 103 टेस्ट खेलने वाले पुजारा ने पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क जैसे तेज गेंदबाजों की मौजूदगी वाले आक्रमण का सामना किया और उन्हें थकाने में अहम भूमिका निभाई।

एक और बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी होने वाली है और विहारी ने जियो सिनेमा द्वारा आयोजित एक बातचीत में ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘पुजारा की कमी खलेगी। वह टीम इंडिया के लिए पिछली दो श्रृंखला में बल्लेबाजी क्रम की रीढ़ थे। उन्होंने चोट खाई, उन्होंने लंबे समय तक बल्लेबाजी की, वह लंबे समय तक टिके रहे, उन्होंने नई गेंद का सामना किया, उन्होंने रन बनाए। उन्होंने बाद में आने वाले अन्य बल्लेबाजों के लिए काम आसान कर दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तो इस तरह की भूमिका… कौन खेलेगा यह मेरे लिए एक प्रश्न चिह्न है। वर्तमान में मैं कहूंगा कि हमारे पास एक आक्रामक बल्लेबाजी क्रम (शीर्ष छह) है। सभी अपने शॉट खेलना पसंद करते हैं। मुझे लगता है कि विराट ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जो बल्लेबाजी क्रम में टिक सकते हैं और सबसे अधिक ओवर बल्लेबाजी कर सकते हैं।’’

जुलाई 2022 में अपने 16 टेस्ट मैचों में से आखिरी टेस्ट खेलने वाले विहारी ने कहा, ‘‘अगर आप नई गेंद का सामना अच्छे से करते हैं तो पुरानी कूकाबूरा गेंद से खेलना थोड़ा आसान हो जाता है।’’

पुजारा की अनुपस्थिति में विहारी छठे नंबर पर केएल राहुल की भूमिका भी महत्वपूर्ण मानते हैं। उन्हें लगता है कि ऋषभ पंत पांचवें नंबर पर सबसे उपयुक्त हैं। रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और विराट कोहली शीर्ष चार में हैं।

विहारी को लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके घर में खेलना जायसवाल के लिए अब तक का सबसे बड़ा अनुभव होगा जिन्होंने घरेलू मैदान पर अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन विदेशी परिस्थितियों में खुद को साबित करना अभी बाकी है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह उनकी सबसे बड़ी परीक्षा है। लेकिन वह बहुत आत्मविश्वासी व्यक्ति हैं। कुल मिलाकर ऑस्ट्रेलिया का ऑस्ट्रेलिया में सामना करना है तो मानसिक तैयारी महत्वपूर्ण है। इस बार हम ऑस्ट्रेलिया में पांच टेस्ट मैच खेल रहे हैं, जबकि पहले चार मैच खेले थे।’’

पिछले दौरे पर सिडनी टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन के साथ मैच बचाने वाली साझेदारी करने वाले विहारी ने कहा, ‘‘इसलिए यह मानसिक रूप से और भी अधिक थका देने वाला है क्योंकि वहां सब कुछ आपके खिलाफ है। मीडिया आपके खिलाफ है, लोग आपके खिलाफ हैं और आप घर से दूर ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण का सामना कर रहे हैं।’’