नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अबू धाबी के वली अहद (युवराज) शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ व्यापक वार्ता की और दोनों देशों के बीच समग्र रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया।
नाहयान अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के तहत रविवार को नयी दिल्ली पहुंचे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘एक करीबी दोस्त का गर्मजोशी से स्वागत। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में अबू धाबी के युवराज शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की अगवानी की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत-संयुक्त अरब अमीरात द्विपक्षीय संबंधों के पूरे आयाम और सहयोग के भविष्य के क्षेत्रों पर चर्चा होनी है।’’
अगस्त 2015 में मोदी की संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था।
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये और दिरहम (संयुक्त अरब अमीरात की मुद्रा) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) और जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान (एलसीएस) प्रणाली पर हस्ताक्षर किए।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में लगभग 85 अरब अमेरिकी अमरीकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ दोनों देश एक-दूसरे के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से हैं। 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी यूएई, भारत में शीर्ष चार निवेशकों में शामिल है।
यूएई में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं। पिछले साल भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में यूएई को बतौर विशेष आमंत्रित देश न्योता दिया गया था।
भारत की अध्यक्षता के दौरान जी20 समूह के लिए विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में यूएई को आमंत्रित किया गया था।
फरवरी 2023 में भारत-यूएई-फ्रांस (यूएफआई) त्रिपक्षीय रूपरेखा को औपचारिक रूप से शुरू किया गया था। भारत के सक्रिय समर्थन के साथ, यूएई मई 2023 में एससीओ में संवाद भागीदार के रूप में शामिल हुआ।
यूएई भी भारत के समर्थन से एक जनवरी को ब्रिक्स में सदस्य के रूप में शामिल हुआ था। भारत-यूएई रक्षा सहयोग में भी पिछले कुछ वर्षों में एक नई गति देखी गई है।
जनवरी 2024 में, राजस्थान में पहला भारत-यूएई द्विपक्षीय सेना अभ्यास ‘डेजर्ट साइक्लोन’ आयोजित किया गया था।