यूरोप के लक्जमबर्ग पहुंचे पोप फ्रांसिस, पादरियों को करेंगे संबोधित

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लक्जमबर्ग, 26 सितंबर (एपी) पोप फ्रांसिस यूरोप में उन स्थानों की यात्रा कर रहे हैं जो कभी ईसाई धर्म के मजबूत गढ़ समझे जाते थे।

उनकी इस यात्रा का मकसद ईसाई समुदाय को उत्साहित करना है, जिसकी सक्रियता धर्मनिरपेक्षता और अनुचित व्यवहार के मामलों के चलते कम हो गई है। यही वजह है कि कई बड़े गिरजाघरों और गांव के चर्च में अब पहले की तरह भीड़ नजर नहीं आती।

फ्रांसिस बृहस्पतिवार को लक्समबर्ग पहुंचे, जो यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे छोटा देश है। लक्जमबर्ग की जनसंख्या लगभग 6,60,000 है और यह प्रति व्यक्ति आय के संदर्भ में सबसे धनी है।

फ्रांसिस ने ड्यूक के महल में लक्जमबर्ग के ग्रैंड ड्यूक हेनरी और लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री ल्यूक फ्रीडेन से अलग-अलग मुलाकात की।

इस यात्रा के दौरान प्रवासन, जलवायु परिवर्तन और शांति जैसे विषयों पर चर्चा होने की संभावना है।

यूरोपीय संघ के आंकड़े दर्शाते हैं कि लक्जमबर्ग के निवासियों में से बमुश्किल आधे या 52.6 प्रतिशत लोग मूल नागरिक हैं। निवासियों में से 37.2 प्रतिशत यूरोपीय संघ के पुर्तगाल जैसे अन्य देशों से तथा 10.2 प्रतिशत यूरोपीय संघ के बाहर से आते हैं।

अपनी बैठकों के बाद फ्रांसिस देश के पादरियों को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम नोट्रे डेम के लेट-गोथिक कैथेड्रल में होगा, जो 1600 के दशक की शुरुआत में बनवाया गया था।

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