भुवनेश्वर, 13 सितंबर (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को घोषणा की कि पशु क्रूरता को कम करने के लिए उनकी सरकार की योजना ओडिशा गोहत्या निवारण अधिनियम, 1960 में संशोधन करने की है।
उन्होंने यह टिप्पणी पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘मानसून मीट’ के दौरान की।
माझी ने गांवों में पशुपालन का दायरा बढ़ाकर, पशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर, मत्स्यपालन और मधुमक्खी पालन के जरिये छोटे-सीमांत किसानों के जीवनस्तर में सुधार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ नयी सरकार को अभी अपने शुरुआती 100 दिन पूरे करने हैं, लेकिन ओडिशा ने सभी क्षेत्रों में परिवर्तनकारी बदलावों के लिए एक खाका तैयार कर लिया है, जिसका लक्ष्य तत्काल और दीर्घकालिक विकास दोनों है।’’
माझी ने कहा कि दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कामधेनु योजना’ बनाई है जिसके तहत अगले पांच साल में 1,423.47 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इस पहल से छोटी डेयरी इकाइयों को सहायता मिलेगी, बछड़ों के लिए रियायती दर पर चारा उपलब्ध होगा, पशुधन बीमा कवरेज में वृद्धि होगी तथा डेयरी सहकारी समितियों को मजबूती मिलेगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा ओडिशा ने राज्य दुग्ध सहकारी समितियों को मजबूत करने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य एनडीडीबी के साथ मिलकर बेहरामपुर में एक टीका उत्पादन इकाई और भुवनेश्वर में एक अत्याधुनिक फीड विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए भी सहयोग कर रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुर्गीपालन और लघु पशु उत्पादन के लिए सरकार ‘‘प्राणी संपदा समृद्धि योजना’’ तैयार कर रही है और लघु पशु क्षेत्र में समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘‘लघु पशु प्रजनन नीति’’ बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य ने मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक के माध्यम से पशुधन स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ाने के लिए गोमाता (पशुओं के प्रबंधन और उपचार के लिए लक्ष्य) योजना भी शुरू की है। उन्होंने कहा कि एक और नयी ‘‘मुख्यमंत्री पशु कल्याण योजना’’ का उद्देश्य आवारा पशुओं के प्रति दयालु दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है।
माझी ने कहा कि ओडिशा 2047 के ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य से ग्यारह वर्ष पहले, 2036 में अपने स्थापना का 100वां साल मनाएंगा। उन्होंने कहा कि राज्य प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की स्थिति में आने की कोशिश कर रहा है।
राज्य में पहली बार आयोजित ‘मानसून मीट’ में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह, राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन तथा 15 राज्यों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।