नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और दिल्ली में समय पूर्व चुनाव कराने की मांग करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब तक लोग उन्हें ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’’ नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
आबकारी नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में शुक्रवार को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि अगले कुछ दिन में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों की बैठक होगी और पार्टी के एक नेता को मुख्यमंत्री चुना जाएगा।
उन्होंने कहा, “दिल्ली में फरवरी में चुनाव होने हैं लेकिन मैं नवंबर में महाराष्ट्र के साथ राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव कराने की मांग करता हूं।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठूंगा, जब लोग मुझे ईमानदारी का प्रमाणपत्र देंगे। जेल से बाहर आने के बाद अग्निपरीक्षा देना चाहता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री और सिसोदिया उपमुख्यमंत्री तभी बनेंगे, जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं।’’
केजरीवाल ने भाजपा पर उन्हें भ्रष्ट साबित करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भगवा पार्टी लोगों को अच्छे स्कूल और मुफ्त बिजली नहीं दे सकती क्योंकि वे भ्रष्ट हैं।
उन्होंने कहा, “हम ईमानदार हैं।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “वे गैर-भाजपा राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करते हैं। अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है, तो मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे इस्तीफा न दें बल्कि जेल से सरकार चलाएं।”
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैंने (आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद) इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि मैं लोकतंत्र का सम्मान करता हूं और मेरे लिए संविधान सर्वोच्च है।’’
उन्होंने कहा कि केवल ‘आप’ ही भाजपा की ‘‘साजिशों’’ का सामना कर सकती है।
केजरीवाल ने 2014 में सत्ता संभालने के महज 49 दिन बाद जन लोकपाल विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री पद छोड़ने का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने तब अपने आदर्शों के लिए इस्तीफा दे दिया था। मुझे सत्ता की लालसा नहीं है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि आबकारी नीति का मामला लंबे समय तक चलेगा और वह दिल्ली की जनता से पूछना चाहते हैं कि वह ईमानदार हैं या दोषी।
उन्होंने लोगों से कहा कि अगर वे उन्हें ईमानदार मानते हैं तो ही उनके पक्ष में वोट करें।
उन्होंने कहा, “मेरे लिए भाजपा नहीं बल्कि लोग महत्वपूर्ण हैं।”
मुख्यमंत्री ने यहां ‘आप’ कार्यकर्ताओं से कहा, “हमारे नेता सत्येंद्र जैन और अमानतुल्ला खान अब भी जेल में हैं। मुझे उम्मीद है कि वे जल्द ही बाहर आ जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि वह भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं, जिसने मुश्किलों के दौरान उनका साथ दिया।
जेल में बिताए गए समय के बारे में केजरीवाल ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह द्वारा अंग्रेजी शासन की कैद में रहते हुए लिखे गए पत्रों का उल्लेख किया और कहा, “मैंने तिहाड़ से उपराज्यपाल को केवल एक पत्र लिखा और मुझे चेतावनी जारी कर दी गई।”
उन्होंने कहा, “हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को अपने सहकर्मियों से मिलने की अनुमति थी, लेकिन मेरे पार्टी सहयोगी संदीप पाठक को जेल में मुझसे मिलने की अनुमति नहीं थी।”