तिरुवनंतपुरम, 10 सितंबर (भाषा) मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि देश में किसी भी राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति हेमा समिति की तरह फिल्म उद्योग में हस्तक्षेप नहीं किया है और केरल में ही यह संभव हुआ है क्योंकि यहां वाम मोर्चा की सरकार सत्ता में है।
विजयन ने कहा कि जिन लोगों ने पहले ही हेमा समिति के समक्ष बयान दे दिया है या जिन्होंने नहीं दिया है, वे पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं और ऐसी सभी शिकायतों की गहन जांच की जाएगी।
पश्चिम बंगाल में हाल ही में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए कथित बलात्कार और उसकी हत्या मामले का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में अब महिला सुरक्षा पर तीखी बहस चल रही है।
यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये विजयन ने कहा कि देश के कई राज्यों में महिलाओं पर हमले हो रहे हैं।
वाम नेता ने कहा कि बिलकिस बानो मामले में आरोपियों की रिहाई और एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा उनका स्वागत करने से समाज में गलत संदेश गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी परिस्थितियां हैं, केरल महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सटीक नीतियों के साथ आगे बढ़ रहा है।’’
उन्होंने कहा कि जैसे ही फिल्म उद्योग में व्याप्त कुछ मुद्दों को सरकार के संज्ञान में लाया गया, न्यायमूर्ति हेमा की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।
विजयन ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य बात है कि देश के किसी अन्य राज्य ने फिल्म उद्योग में इस तरह का हस्तक्षेप नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘केवल केरल ने ही इस तरह का हस्तक्षेप किया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य में वाममोर्चा की सरकार सत्ता में है।’’
फिल्म उद्योग के लिए केरल के समान या उससे बेहतर सुविधाएं देने वाले राज्यों ने अभी तक हेमा पैनल जैसा कोई हस्तक्षेप नहीं किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कई राज्यों में न्यायमूर्ति हेमा समिति की तर्ज पर पैनल गठित करने की मांग उठने लगी है।
उन्होंने कहा कि हेमा समिति की रिपोर्ट के संबंध में अन्य कानूनी जांच भी आगे बढ़ रही है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में ऐसी जांच प्रणाली तैयार है जो ऐसी किसी भी शिकायत में हस्तक्षेप करने का आश्वासन देती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में केरल अलग है ।
विजयन का यह बयान न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट के प्रकाशन के कुछ सप्ताह बाद आया है, जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के कथित शोषण और दुर्व्यवहार पर प्रकाश डाला गया है।
केरल सरकार ने 2017 में एक अभिनेत्री पर हमले का मामला सामने आने के बाद समिति का गठन किया था और इसकी रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा हुआ था।
कई अभिनेताओं और निर्देशकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोपों के बाद, राज्य सरकार ने 25 अगस्त को उनकी जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की थी।