रांची, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से दिसंबर के पहले सप्ताह तक विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न करने का आग्रह किया ताकि मौजूदा सरकार को अपना पूरा कार्यकाल समाप्त करने का अवसर मिल सके।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग का एक दल इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए दिन में रांची पहुंचा।
टीम ने विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ अपनी पहली बैठक की।
झामुमो के प्रतिनिधियों- विधायक सुदिव्य कुमार और केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आयोग के समक्ष पार्टी का पक्ष रखा।
पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक झामुमो ने आयोग से कहा, ‘‘झारखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए चुनाव 23 दिसंबर, 2019 को संपन्न हुआ था और 29 दिसंबर को सरकार का गठन हुआ था। इसलिए, यदि छठी विधानसभा का चुनाव दिसंबर के पहले सप्ताह तक संपन्न हो जाता है, तो वर्तमान राज्य सरकार को अपना पूरा कार्यकाल समाप्त करने का अवसर मिलेगा।’’
पार्टी ने आयोग से यह भी आग्रह किया कि चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं को धर्म या जाति के नाम पर भाषण देने से रोका जाए।
बयान में कहा गया, ‘‘भाजपा ( भारतीय जनता पार्टी) के नेता इस साल अगस्त से ही धर्म और जाति के नाम पर भाषण दे रहे हैं, जिससे समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक विभाजन की स्थिति पैदा हो गई है। यह सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण नहीं हो और लोग बिना किसी डर के स्वतंत्र रूप से मतदान कर सकें।’’
निर्वाचन आयोग का दल अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान राजनीतिक दलों, प्रवर्तन एजेंसियों और सरकारी अधिकारियों के साथ कई बैठकें करेगा।
साल 2019 में राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में चुनाव हुए थे और परिणाम 23 दिसंबर को घोषित किए गए थे।