भारत दुनिया में विनिर्माण का ‘पावरहाउस’ बना, सभी देशों की नजरें हम पर टिकी हैं: मोदी

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नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत आज दुनिया में विनिर्माण का ‘पावरहाउस’ बन गया है और सभी देशों की नजरें ‘‘हम पर टिकी हैं’’ क्योंकि सरकार वैश्विक गुणवत्ता वाली चीजों के निर्माण के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।

आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 114वीं कड़ी में मोदी ने देशवासियों से त्योहारों के मौसम में उपहार स्वरूप ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को एक-दूसरे को देने का आह्वान किया।

‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के 10 वर्ष पूरे होने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इस अभियान की सफलता में, देश के बड़े उद्योगों से लेकर छोटे दुकानदारों तक का योगदान शामिल है।

उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत खुशी मिलती है कि गरीब, मध्यम वर्ग और सूक्ष्म व मध्यम उद्योग को इस अभियान से बहुत फायदा मिल रहा है और इस अभियान ने हर वर्ग के लोगों को अपनी प्रतिभा सामने लाने का अवसर दिया है।

मोदी ने कहा, ‘‘आज, भारत विनिर्माण का पावरहाउस बन गया है और देश की युवा-शक्ति की वजह से दुनिया-भर की नजरें हम पर हैं। ऑटोमोबाइल्स हो, टेक्सटाइल्स हो या फिर उ्ड्डयन का क्षेत्र या फिर इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा का क्षेत्र हो। हर क्षेत्र में देश का निर्यात लगातार बढ़ रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का लगातार बढ़ना भी ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता की गाथा कह रहा है।

उन्होंने कहा कि देश अब वैश्विक गुणवत्ता वाली चीजों के निर्माण के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

महाराष्ट्र के भंडारा जिले में 50 से भी अधिक स्वसहायता समूहों की ओर से टसर सिल्क को संरक्षित करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह स्थानीय समुदायों को सशक्त बना रही है और साथ ही ‘मेक इन इंडिया’ की भावना को भी दर्शा रही है।

उन्होंने त्योहारों के इस मौसम में ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘आप कुछ भी उपहार देंगे, वह ‘मेड इन इंडिया’ ही होना चाहिए।’’

मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि सिर्फ मिट्टी के दीये खरीदना ही ‘वोकल फॉर लोकल’ नहीं है बल्कि इसके साथ ही अपने क्षेत्र के स्थानीय उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाना जरूरी है।