न्यूयॉर्क, 24 सितंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी-4 देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात की और पाठ आधारित वार्ता के जरिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार के लिए इस समूह की प्रतिबद्धता दोहरायी।
पाठ-आधारित वार्ता से तात्पर्य किसी समझौते की ऐसी विषय वस्तु तैयार करने की प्रक्रिया से है जिसे स्वीकार करने और जिस पर हस्ताक्षर करने के लिए सभी पक्ष तैयार हों।
जी-4 राष्ट्रों में ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान शामिल हैं।
आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका आए जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के इतर जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक और ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा से मुलाकात की।
जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज न्यूयॉर्क में अपने समकक्षों–एनालेना बेयरबॉक, योको कामिकावा और माउरो विएरा के साथ जी4 विदेश मंत्रियों की पारंपरिक बैठक में शामिल होकर प्रसन्नता हुई। जी4 ने पाठ आधारित वार्ता के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।’’
जी-4 देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए एक-दूसरे की दावेदारी का समर्थन करते हैं।
भारत, सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए वर्षों से किए जा रहे प्रयासों में अग्रणी रहा है तथा उसका कहना है कि 1945 में स्थापित 15 देशों की परिषद 21वीं सदी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त नहीं है। उसका मानना है कि यह समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती।
ध्रुवीकृत सुरक्षा परिषद शांति और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में भी विफल रही है। उसके सदस्य यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास संघर्ष जैसे मुद्दों पर बंटे हुए हैं।
जयशंकर ने सोमवार को वेनेजुएला के अपने समकक्ष यवान गिल के साथ भी ऊर्जा और आर्थिक सहयोग एवं अन्य मुद्दों पर बातचीत की।
जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज यूएनजीए के इतर वेनेजुएला के विदेश मंत्री यवान गिल से मिलकर खुशी हुई। ऊर्जा, स्वास्थ्य और आर्थिक सहयोग के साथ-साथ बहुपक्षवाद में सुधार पर भी चर्चा हुई।’’