नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) फिल्म निर्माता ओनिर का कहना है कि करियर से अधिक महत्वपूर्ण आत्म-सम्मान है और एक अल्पसंख्यक के रूप में उनके लिए यह आवश्यक है कि वे हाशिए पर मौजूद अन्य लोगों की आवाज उठाएं जिनके साथ गलत हो रहा है।
समलैंगिक निर्देशक ओनिर ने कहा कि उन्होंने अपनी बात कहने के कई अवसर खो दिए हैं।
ओनिर ने याद किया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी नीत ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में उनके भाग लेने के बाद दक्षिणपंथियों की धमकियों के कारण भोपाल साहित्य एवं कला महोत्सव (बीएलएफ) के 2022 संस्करण में ‘एलजीबीटीक्यू’ मुद्दों पर उनका सत्र रद्द कर दिया गया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या मुद्दों पर बोलने से उन्हें अवसरों से हाथ धोना पड़ा, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ने कहा, “बेशक, ऐसा हुआ है।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “2022 में भारत जोड़ो यात्रा के बाद मुझे दक्षिणपंथियों से धमकियां मिलीं। मुझे पैनल चर्चाओं, साहित्यिक और फ़िल्म समारोहों से हटा दिया गया। जब मैं सुबह उठता हूं और खुद को आईने में देखता हूं, तो मुझे शर्म नहीं आती कि मैं चुप रहा। आत्म-सम्मान उस नुकसान से कहीं ज्यादा है।”
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता ने कहा, “मैं खुद अल्पसंख्यक समुदाय का सदस्य हूं और आज तक हमने जो हासिल किया है, वह हमारे कई सहयोगियों की वजह से है, जिन्होंने आवाज उठाई और हमारे साथ खड़े रहे। मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि मैं अन्य अल्पसंख्यकों या किसी भी ऐसे व्यक्ति के लिए ऐसा करूं, जिसके साथ गलत हो रहा है। एक तरह से, चुप्पी का मतलब तटस्थ होना नहीं है। यह उत्पीड़क को सशक्त बनाता है।”