नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल की उस याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से मंगलवार को इनकार कर दिया जिसमें कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है।
ढल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने याचिका पर जल्द सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया जिसे न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने अस्वीकार कर दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘हमें गरीब वादियों के बारे में भी सोचना होगा। हम उच्चतम न्यायालय की प्रक्रिया को यूं ही दरकिनार नहीं कर सकते।’’
सिंघवी ने कहा कि ढल लंबे समय से हिरासत में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धनशोधन के मामले में उन्हें नियमित जमानत मिल गई है। धनशोधन रोकथाम अधिनियम के एक और अधिक कड़े मामले में निष्कर्ष मेरे पक्ष में हैं। मैं अंतरिम जमानत का भी अनुरोध कर रहा हूं।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में सुनवाई करेगी।
न्यायालय ने 17 नवंबर को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी करके उससे ढल की याचिका पर जवाब देने को कहा था और मामले की सुनवाई नवंबर के लिए तय की थी।
ढल ने उच्च न्यायालय के चार जून के उस फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसमें उन्हें मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
इस मामले के सिलसिले में पिछले साल अप्रैल में सीबीआई ने ढल को गिरफ्तार किया था।
ढल कथित घोटाले से जुड़े अलग-अलग मामलों में आरोपी हैं। इस घोटाले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है।
दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों के अनुसार, ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक ढल ने कथित तौर पर अन्य आरोपियों के साथ साजिश रची और वह शराब नीति तैयार करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।