झारखंड में आबकारी कांस्टेबल भर्ती अभियान ‘वोट’ की खातिर चलाया गया: शिवराज सिंह चौहान

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रांची, आठ सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार पर ‘वोट’ की खातिर आबकारी कांस्टेबल भर्ती अभियान चलाने का आरोप लगाया। इस अभियान में 12 लोगों की जान चली गई।

झारखंड के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव प्रभारी चौहान विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए रविवार को यहां पहुंचे। राज्य में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने पांच लाख नौकरियों का वादा किया था, जबकि वह समझ चुके थे कि इसे पूरा नहीं किया जा सकता है, ऐसे में महज चुनाव देखकर उन्होंने युवाओं को 10 किलोमीटर दौड़ा दिया। फलस्वरूप 12 युवकों की जान चली गयी।’’

चौहान ने कहा कि 10 किलोमीटर की ऐसी दौड़ कहीं नहीं कराई गयी है।

उन्होंने कहा, ‘‘बिना समुचित इंतजाम किये हेमंत सोरेन सरकार ने वोट के लालच में युवाओं को गुमराह करने की साजिश रची, जिससे कई युवाओं की जान चली गई।’’

चौहान ने आरोप लगाया कि सोरेन को मालूम था कि इस समय भर्ती नहीं की जा सकती है, भले ही कितने ही साक्षात्कार आयोजित कर लिये जाएं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह महज दुर्घटना नहीं है, बल्कि हत्या है, जो वोट के लालच में की गयी है। इसके लिए झारखंड के युवक राज्य सरकार को कभी माफ नहीं करेंगे।’’

हालांकि, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आरोप लगाया कि 2016 में

भाजपा के शासनकाल में मूल्यांकन नियम में संशोधन किया गया था। एक झामुमो पदाधिकारी ने कहा कि झारखंड आबकारी कांस्टेबल संवर्ग (भर्ती और सेवा शर्तें) नियम, 2013 में उम्मीदवार को छह मिनट में 1.6 किमी (एक मील) दौड़ने का प्रावधान किया गया था।

झारखंड आबकारी कांस्टेबल भर्ती अभियान के लिए 22 अगस्त से शारीरिक परीक्षा शुरू हुई थी, लेकिन 12 अभ्यर्थियों की मौत के बाद उसे रोक दिया गया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन मौतों के कारण तीन से पांच सितंबर तक अभियान को स्थगित करने का निर्देश दिया था।

लगभग 1.14 लाख उम्मीदवारों के लिए अभियान का शेष भाग संशोधित मानदंडों के साथ 10 सितंबर को फिर से शुरू होगा।