कांग्रेस के कार्यकाल में रिश्वत के बिना किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिली: असम के मुख्यमंत्री

गुवाहाटी, 30 सितंबर (भाषा) असम में कांग्रेस के पूर्ववर्ती शासन के दौरान किसी को भी रिश्वत दिए बिना सरकारी नौकरी नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि उनका लक्ष्य अपने कार्यकाल में दो लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है।

युवा उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य में 1.4 लाख युवाओं को नौकरियां मिल चुकी हैं।

उन्होंने दावा किया, ‘‘कांग्रेस शासन के दौरान युवाओं को यह विश्वास नहीं था कि उन्हें रिश्वत दिए बिना सरकारी नौकरी मिलेगी। कम वेतन वाली नौकरियों के लिए भी उन्हें एक करोड़ रुपये की रिश्वत देनी पड़ती थी।’’

शर्मा ने आरोप लगाया कि असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) के अध्यक्ष पद के लिए, कांग्रेस सरकार ने उन लोगों को चुना था जो नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से ‘‘पैसा इकट्ठा’’ कर सकते थे। उन्होंने कहा, ‘‘कांटों से भरा युग बीत चुका है। अब, हम बिना किसी रिश्वत के पारदर्शी तरीके से भर्ती परीक्षा आयोजित करने में सक्षम हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1.4 लाख युवाओं को पहले ही ‘‘एक लाख के लक्ष्य के मुकाबले सरकारी नौकरियां मिल चुकी हैं’’, और सरकार अब ‘‘2026 तक दो लाख युवाओं को रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य बना रही है।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2021 में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान असम में हर साल एक लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन बाद में संशोधित किया कि यह आंकड़ा पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए था।

शर्मा ने मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर असम अभिजन (सीएमएएए) कार्यक्रम के तहत, 25,000 से अधिक युवाओं में से प्रत्येक को 75,000 रुपये की पहली किस्त का अंतरण शुरू किया ताकि वे अपना उद्यम शुरू कर सकें।

शर्मा ने कहा, ‘‘युवाओं को सशक्त बनाकर असम में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर हमारी सरकार का ध्यान है। हमारे युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए, मैं सीएमएएए के तहत अनुदान वितरित कर रहा हूं।’’