नयी दिल्ली, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल देश के औद्योगिक विकास को गति देने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए पांच सितंबर को राज्यों के उद्योग मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
चूंकि उद्योग राज्य का विषय है, अत: इस क्षेत्र को बढ़ावा देने में उनकी प्रमुख भूमिका है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘बैठक में विनिर्माण को बढ़ावा देने के उपायों, उद्योगों को प्रोत्साहन और राज्य से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श होने की संभावना है।’’
केंद्र पहले से ही इस दिशा में कई उपाय कर रहा है। इसमें अनुपालन बोझ को कम करना, कारोबार सुगमता को बढ़ावा देना और औद्योगिक टाउनशिप स्थापित करना आदि शामिल है।
हाल ही में, केंद्र सरकार ने 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 राज्यों में 12 नये औद्योगिक शहर बनाने को मंजूरी दी।
ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड के खुर्पिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दीघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओरवाकल और कोप्पार्थी और राजस्थान के जोधपुर-पाली तथा एक हरियाणा में होंगे।
ऐसे आठ शहर पहले से ही क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। चार शहरों – धोलेरा (गुजरात), औरिक (महाराष्ट्र), विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश) और कृष्णापत्तनम (आंध्र प्रदेश) में बुनियादी ढांचा बनाया गया है और उद्योग के लिए भूखंडों का आवंटन का काम जारी है।
इसी तरह, सरकार का विशेष उद्देश्यीय इकाई (एसपीवी) अन्य चार में… कर्नाटक में तुमकुरु, आंध्र प्रदेश में कृष्णापत्तनम, हरियाणा में नांगल चौधरी, और उत्तर प्रदेश में दादरी, ग्रेटर नोएडा… में सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है।
आठ पहले से ही विकास के चरण में हैं और बजट में 12 नए शहरों की घोषणा के साथ, देश में इन शहरों की कुल संख्या 20 तक पहुंच जाएगी।
इसके अलावा, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) विनिर्माण क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन यानी पालना केंद्र स्थापित करने पर भी ध्यान दे रहा है।