नयी दिल्ली, शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवींद्रन ने शनिवार को आरोप लगाया कि कंपनी की ऑडिट (लेखा परीक्षण) कंपनी बीडीओ ने रिपोर्ट को पिछली तारीख से प्रकाशित करने का सुझाव दिया था, जिसे कंपनी ने अस्वीकार कर दिया, और उनका इस्तीफा दिखावटी है।
ऑडिट फर्म के रूप में बीडीओ के इस्तीफे पर रवींद्रन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि ऑडिटर दिवाला कार्यवाही के बारे में सबसे पहले जानते हैं, लेकिन उन्होंने इसके बारे में अदालत द्वारा नियुक्त दिवाला समाधान पेशेवर (आईआरपी) को सूचित नहीं किया।
उन्होंने कहा, “उन्होंने हमें कई बार पिछली तारीखों में रिपोर्ट करने के लिए कहा है। यह सब हाल ही में हुआ है। हम सहमत नहीं थे। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।”
एमएसकेए एंड एसोसिएट्स ने बीडीओ इंडिया से सम्बद्ध बायजू के ऑडिट का काम संभाला था। एमएसकेए ने फर्म के ऑडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया है।
रवींद्रन ने कहा कि ऑडिटरों ने पश्चिम एशिया स्थित साझेदार के साथ लेन-देन के फोरेंसिक ऑडिट के लिए कहा था, जिसे जून में मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन ऑडिटरों ने इस पर कोई काम नहीं किया।
रवींद्रन ने कहा, “यह बच निकलना है… निराधार है और उन्होंने ऐसा उस समय किया जब हम बोर्ड में नहीं थे। हम अभी भी बोर्ड में नहीं हैं। उन्हें बोर्ड को सूचित करना चाहिए था। पिछले 45 दिनों में, उन्होंने बोर्ड को कुछ भी नहीं बताया है। यह न केवल निराधार है, बल्कि उन्होंने जो कुछ भी किया है वह कानूनी रूप से भी अस्वीकार्य है।”
एमएसकेए एंड एसोसिएट्स और बीडीओ इंडिया को वेबसाइट के माध्यम से भेजे गए सवालों के जवाब इस खबर के लिखे जाने तक नहीं मिले थे।