लापरवाही बरतने वाले चिकित्साधिकारियों को बर्खास्त करें : ब्रजेश पाठक

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लखनऊ, दो सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लंबे समय से अनुपस्थित रहने और चिकित्सकीय कार्य में लगातार लापरवाही बरतने वाले 26 चिकित्साधिकारियों को शासकीय सेवा से बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं। पाठक ने सोमवार को यह जानकारी दी।

स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग संभाल रहे उपमुख्यमंत्री के आदेश के बाद इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

पाठक ने इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशालय के संयुक्त निदेशक का स्पष्टीकरण मांगने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा कई चिकित्साधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकने और परिनिंदा प्रविष्टि दिए जाने की भी हिदायत दी है।

उपमुख्यमंत्री पाठक ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए कहा, ”प्रदेश के समस्त चिकित्साधिकारी जनसामान्य को मनोयोग से उच्च कोटि की चिकित्सकीय सेवा दे रहे हैं, किन्तु उनमें कई चिकित्साधिकारी ऐसे भी हैं जिनके द्वारा अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरती जा रही है। उनके इस कृत्य से जनसामान्य को चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है और विभाग व सरकार की छवि धूमिल हो रही है।”

लापरवाह चिकित्सकों के प्रति सख्त रुख दर्शाते हुए पाठक ने कहा, ”प्रदेश के ऐसे 26 चिकित्सा अधिकारियों को चिन्हित किया गया है, जो चिकित्सकीय कार्य में लगातार लापरवाही करते हुए लंबे समय से बिना किसी सूचना के अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित हैं!”

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ”ऐसे चिकित्सकों द्वारा उच्चादेशों की लगातार अवहेलना किये जाने का संज्ञान लेकर एक माह की नोटिस जारी कर शासकीय सेवा से तत्काल बर्खास्त किये जाने के निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिये गये हैं।”

उन्होंने कहा, ”चिकित्साधिकारी एवं स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा चिकित्सकीय सेवाओं में लापरवाही किसी भी स्तर पर क्षम्य नहीं होगी। प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त निर्देशों के क्रम में अग्रिम कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है।”

उप मुख्यमंत्री ने अपने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ”अपने चिकित्सकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही किये जाने हेतु सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) फिरोजाबाद, सीएमओ बागपत एवं सीएमओ कानपुर देहात के अधीन तैनात एक-एक चिकित्सा अधिकारियों को दो वेतन वृद्धियां,दो वर्षों तक रोकने के दण्ड के साथ-साथ कानपुर देहात के अधीन तैनात चिकित्सक को परिनिन्दा प्रविष्टि भी दी गयी है।”

उपमुख्यमंत्री ने अन्य पोस्ट कर अन्य चिकित्सा अधिकारियों को बर्खास्त किए जाने की जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ”चिकित्सा व्यवस्था को सुलभ एवं सुदृढ़ करने हेतु प्रदेश सरकार कटिबद्ध है और उसके लिए लगातार प्रयासरत है तथा इस हेतु लगातार वित्तीय स्वीकृतियां भी निर्गत करते हुए प्रदेश के चिकित्सालयों को उच्चीकृत भी किया जा रहा है व चिकित्सकों की लगातार विभिन्न माध्यमों से भर्ती भी की जा रही है।”