नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने बुधवार को अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वित्तीय रूप से संकटग्रस्त 10 कंपनियों से लगभग 62,000 करोड़ रुपये के ‘क्लेम सेटल (दावों के निस्तारण)’ करने थे, लेकिन अदाणी समूह द्वारा इन कंपनियों का अधिग्रहण करने के बाद उन्हें केवल 16,000 करोड़ रुपये पर ही समझौता करना पड़ा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संघ द्वारा कथित रूप से साझा किए गए विवरण की एक तस्वीर साझा की जिसमें दिखाया गया है कि 10 कंपनियों को 96 प्रतिशत से लेकर 42 प्रतिशत तक ‘हेयरकट’ दिए गए क्योंकि उन्हें अदाणी समूह ने खरीद लिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों के माध्यम से खुलासा किया है कि कैसे सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों के आर्थिक रूप से तनावग्रस्त 10 कंपनियों से लगभग 62,000 करोड़ रुपए के क्लेम सेटल करने थे, लेकिन नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के पसंदीदा कारोबारी समूह द्वारा इन कंपनियों के अधिग्रहण के बाद उन्हें 16,000 करोड़ रुपए पर ही समझौता करना पड़ा।’’
रमेश ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था की रंगीन भाषा में कहें तो यह बैंकों द्वारा लिया गया 74 प्रतिशत ‘हेयरकट’ है।’’
कांग्रेस अदाणी समूह के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाती आ रही है।
अदाणी समूह ने आरोपों को झूठा बताकर खारिज कर दिया है। उसका कहना है कि वह सभी कानूनों का अनुपालन करता है।