नयी दिल्ली, पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच अबू धाबी के ‘क्राउन प्रिंस’ शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ व्यापक वार्ता के लिए रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आएंगे।
विदेश मंत्रालय ने यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि अल नाहयान की यात्रा भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मजबूत संबंधों को और प्रगाढ़ करेगी तथा नए और उभरते क्षेत्रों में साझेदारी के लिए रास्ते खोलेगी। प्रधानमंत्री मोदी और ‘क्राउन प्रिंस’ रविवार को द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर बातचीत करेंगे।
द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा, दोनों नेताओं के बीच इजराइल-हमास संघर्ष से उत्पन्न समग्र स्थिति पर भी विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। नाहयान का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात का कार्यक्रम है। वह महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट भी जाएंगे।
‘क्राउन प्रिंस’ के साथ यूएई सरकार के कई मंत्री और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी होगा। अपनी यात्रा के दिल्ली चरण के समापन के बाद, नाहयान सोमवार को एक व्यापार मंच में भाग लेने के लिए मुंबई की यात्रा करेंगे। दोनों देशों के शीर्ष व्यापारिक नेता इस मंच में भाग लेंगे।
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के आमंत्रण पर अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान नौ और 10 सितंबर को भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे।’’
विदेश मंत्रालय ने पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी उल्लेख किया। मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और यूएई के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। हाल के वर्षों में, भारत और यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी राजनीतिक, व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों में गहरी हुई है।’’
अगस्त 2015 में मोदी की यूएई की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक पहुंच गए।
दोनों देशों ने सीमा पार लेनदेन के लिए भारतीय रुपया और एईडी (संयुक्त अरब अमीरात दिरहम) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) और जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान (एलसीएस) प्रणाली पर हस्ताक्षर किए।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में लगभग 85 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ दोनों देश एक-दूसरे के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से हैं। 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामले में भी यूएई भारत में शीर्ष चार निवेशकों में शामिल है। यूएई में भारतीय समुदाय के करीब 35 लाख लोग हैं, जो वहां सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।