देश के स्मार्टफोन बाजार में सैमसंग को पीछे छोड़ अगुवा बनी शाओमी: रिपोर्ट

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नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) स्मार्टफोन बनाने वाली चीन की कंपनी शाओमी भारत में सैमसंग को पीछे छोड़कर स्मार्टफोन बाजार में अगुवा बन गयी है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी इस साल की दूसरी अप्रैल-जून तिमाही में 19.3 प्रतिशत रही।

साइबरमीडिया रिसर्च की भारत में मोबाइल हैंडसेट बाजार पर समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के स्मार्टफोन बाजार में चार प्रतिशत की गिरावट आई और कुल मोबाइल फोन बिक्री में सालाना आधार पर तीन प्रतिशत की कमी आई।

रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की दूसरी तिमाही में तीन कंपनियों… शाओमी, सैमसंग और वीवो शीर्ष पर रहीं। इसमें शाओमी की बाजार हिस्सेदारी 19.3 प्रतिशत, सैमसंग की 18.5 प्रतिशत और वीवो की 17 प्रतिशत रही।

इसके बाद क्रमश: रियलमी (13 प्रतिशत) और ओप्पो (नौ प्रतिशत) का स्थान रहा।

साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) की रिपोर्ट में कहा गया है कि एप्पल की बाजार हिस्सेदारी पांच प्रतिशत रही।

कंपनी की तिमाही के दौरान कुल बिक्री में आईफोन 15 श्रृंखला का योगदान 58 प्रतिशत रहा।

फीचर फोन खंड में चीनी कंपनी आईटेल मोबाइल 35 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बाजार में अगुवा रही।

घरेलू मोबाइल फोन कंपनी लावा फीचर फोन खंड में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ नोकिया को पीछे छोड़कर दूसरे स्थान पर रही।

इस खंड में नोकिया की बाजार हिस्सेदारी कम होकर 11 प्रतिशत पर आ गई जो एक साल पहले 17 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में 5जी स्मार्टफोन बिकी की हिस्सेदारी बढ़कर 79 प्रतिशत हो गई। सालाना आधार पर इसमें 56 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

वीवो 21 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ 5जी स्मार्टफोन बाजार में अगुवा रही। उसके बाद सैमसंग 20 प्रतिशतत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रही। 10,000-13,000 रुपये के बीच की कीमत में 5जी स्मार्टफोन में सालाना आधार पर 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 5जी और एआई (कृत्रिम मेधा) स्मार्टफोन की मजबूत मांग के कारण भारत का स्मार्टफोन बाजार 2024 में सात से आठ प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।

सीएमआर में विश्लेषक (इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप) मेनका कुमारी ने कहा, ‘‘बाजार में 10,000 से 13,000 रुपये के दायरे में किफायती 5जी फोन की उपलब्धता ने बाजार की वृद्धि को गति दी है। इसके अतिरिक्त, अपेक्षाकृत महंगे फोन की मांग भी मजबूत बनी हुई है। इस खंड में (25,000 रुपये से ऊपर) में सालाना आधार पर नौ प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है।’’