जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह पर कंटेनर रखरखाव क्षमता बढ़ाने का काम जारी: सोनोवाल

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मुंबई, 22 अगस्त (भाषा) केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीए) पर कंटेनर रखरखाव सुविधा को बढ़ाकर एक करोड़ टीईयू किया जा रहा है।

बंदरगाह पर विभिन्न बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं की समीक्षा के बाद मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले में आगामी वधावन बंदरगाह से क्षेत्र में 10 लाख नौकरियों का सृजन होगा।

सभी मौसमों के अनुकूल बंदरगाह के रूप में निर्मित होने वाले इस ‘ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट मेगा पोर्ट’ पर 76,200 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि जेएनपीए की कंटेनर रखरखाव क्षमता जल्द ही करीब एक करोड़ टीईयू (ट्वेंटी फुट इक्विलेंट यूनिट) हो जाएगी।

जेएनपीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंटेनर रखरखाव क्षमता वर्तमान में 74 लाख टीईयू है, जो अगले वर्ष अप्रैल तक बढ़कर 1.4 करोड़ टीईयू हो जाएगी।

सोनोवाल ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह देश का पहला 100 प्रतिशत सार्वजनिक निजी भागीदारी (लैंडलॉर्ड) वाला पहला बंदरगाह बन गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा लक्ष्य इस सुविधा पर बड़े से बड़े जहाजों को लाना है।’’

मंत्री ने कहा कि बंदरगाह ने गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा विकसित किया है और यह एक पर्यावरण-अनुकूल बंदरगाह बनने जा रहा है।

एक ‘लैंडलॉर्ड’ बंदरगाह एक भूस्वामी और नियामक निकाय के रूप में काम करता है, जबकि निजी कंपनियां बंदरगाह संचालन को संभालती हैं।

जेएनपीए ने दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर की भी घोषणा की। इसमें एक समझौता ज्ञापन जेएनपीए, वधावन बंदरगाह और आरईसी के बीच विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के समर्थन हेतु ऋण वितरण से संबंधित है।

दूसरा समझौता जेएनपीए और गेटवे टर्मिनल्स इंडिया (जीटीआई) के बीच जहाजों के लिए तटीय बिजली आपूर्ति के कार्यान्वयन के लिए है।

दोनों समझौता ज्ञापनों पर मंत्री की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

मंत्री ने स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाने तथा कार्यबल विकास को बढ़ावा देने के लिए आईएनपीएटी द्वारा विकसित वधावन कौशल कार्यक्रम के लिए एक व्हाट्सएप चैटबॉट भी पेश किया। यह कौशल कार्यक्रमों तक पहुंच को सुगम बनाने, वधावन बंदरगाह के बारे में जानकारी मुहैया करने के अलावा अन्य चीजों के लिए तैयार किया गया है।

सोनोवाल ने कहा कि सरकार ने सागरमाला परियोजना के तहत अब तक 230 परियोजनाएं पूरी कर ली हैं, जबकि 220 अन्य परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।