पटना, 27 अगस्त (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्र को मंगलवार को बिहार से राज्यसभा उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।
कुशवाहा एवं मिश्र को राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र सौंपे जाने के समय उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के प्रमुख और राज्य सरकार में मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल समेत कई सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई नेता उपस्थित थे।
राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद कुशवाहा एवं मिश्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आवास जाकर उनसे शिष्टाचार मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने दोनों नवनिर्वाचित सांसदों को जीत की शुभकामनाएं दीं।
इन दोनों उम्मीदवारों द्वारा 21 अगस्त को नामांकन पत्र दाखिल करने के समय बिहार विधानसभा सचिवालय में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा सहित राजग के कई शीर्ष नेता मौजूद थे।
राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर (भाजपा) और मीसा भारती (राजद) के लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण राज्यसभा की दो सीट पर यह उपचुनाव कराया गया ।
कुशवाहा ने ‘एक्स’ पर लिखा, “राज्यसभा की सदस्यता के लिए निर्विरोध निर्वाचित होने के उपरांत आज पुनः मुझे संसद के गौरवशाली उच्च सदन में जाने का अवसर मिला है। यह अवसर मुझे देश को विकसित राष्ट्र और बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने में अपना और अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा का योगदान सुनिश्चित करने के लिए मिला है।”
उन्होंने लिखा है, “इस अवसर पर मेरा यह संकल्प है कि राज्य एवं देश के लाखों करोड़ों शोषित-वंचित जमात के लोगों की आवाज़ मैं संसद में बुलंद करूंगा। अपने बिहार जैसे पिछड़े राज्यों में गरीबों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं, गुणवतापूर्ण शिक्षा और बेरोजगार नौजवानों के लिए रोजगार सुनिश्चित कराने की मैं कोशिश करूंगा। इसके अलावे देश में दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं तथा सामान्य जाति के गरीबों के लिए उच्चतर न्यायालयों में न्यायाधीश बनने के लिए अलोकतांत्रिक तरीके से बंद रखे गए दरवाजों को खोलने जैसे गंभीर मुद्दों को पूरी ताकत से (सदन में) उठाऊंगा।”
मिश्र ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 2009 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर वाल्मीकि नगर से चुनाव लड़कर की थी पर वह हार गए थे। पांच साल बाद वह भाजपा में शामिल हो गए और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में प्रचार भी किया था।
राज्यसभा की इन दोनों सीट के लिए नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख थी।