उप्र रेरा ने 400 आवासीय परियोजनाओं को रिकॉर्ड अपलोड में देरी पर चेतावनी दी

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लखनऊ,  उत्तर प्रदेश भू-संपदा नियामक प्राधिकरण (उप्र रेरा) ने शुक्रवार को कहा कि उसने अभिलेखों का परीक्षण करने के बाद राज्य में 400 समूह आवासीय परियोजनाओं के प्रवर्तकों को भूमि अभिलेख या मानचित्र या दोनों अपलोड नहीं करने की वजह से ‘स्थगित’ सूची में डालने की चेतावनी दी है।

उप्र रेरा के चेयरमैन संजय भूसरेड्डी ने एक बयान में कहा कि मानक पूरे नहीं करने वाली समूह आवासीय परियोजनाओं के प्रवर्तक सभी मंजूरियां और भू-अभिलेख रेरा के पोर्टल पर बिना किसी विलम्ब के अपलोड कर दें। ऐसा न करने पर आगे कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

बयान के मुताबिक, उ.प्र. रेरा ने प्राधिकरण के पास पंजीकृत परियोजनाओं के अभिलेखों का परीक्षण करने पर यह पाया गया कि लगभग 400 परियोजनाओं के प्रवर्तकों ने रेरा के पोर्टल पर परियोजना के भूमि अभिलेख या मानचित्र या दोनों को ही अपलोड नहीं किया है।

जांच में पाया गया कि इनमें से 160 परियोजनाओं के मानचित्र तथा भू-अभिलेख दोनों ही अपलोड नहीं किए गए हैं।

रेरा ने इन सबको नोटिस जारी कर अपने पोर्टल पर अभिलेख अपलोड करने के निर्देश दिए थे। लेकिन कई बार नोटिस देने के बावजूद सिर्फ 57 परियोजनाओं के प्रवर्तकों ने ही स्पष्टीकरण दिए।

प्राधिकरण के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि आज की तारीख में राज्य में करीब 3,700 आवासीय परियोजनाएं यूपी रेरा के साथ पंजीकृत हैं।

उप्र रेरा की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पोर्टल पर उन परियोजनाओं के लिए ‘स्थगित परियोजनाओं’ की एक श्रेणी बनाई जाए जिनके मानचित्र एवं भू-अभिलेख पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए हैं।

इसमें कहा गया है, “यह निर्णय आवंटियों को उचित रूप से सचेत करने और उन्हें ऐसे प्रवर्तकों की धोखाधड़ी से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है।”

बयान के मुताबिक, प्राधिकरण के चेयरमैन भूसरेड्डी ने कहा कि वे लगातार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि आवंटियों को रेरा पोर्टल से परियोजना के बारे में पूरी और सही जानकारी मिले।

भूसरेड्डी ने कहा, “परियोजना के विज्ञापन और बिक्री के प्रस्तावों में प्रवर्तक सिर्फ रेरा पंजीकरण संख्या का उल्लेख करते हैं। ऐसे में यह आशंका बनी रहती है कि कोई भी आम आवंटी झांसे में आकर ऐसी परियोजना में निवेश कर सकता है, जिसकी मंजूरी और भूमि रिकॉर्ड सत्यापित नहीं हैं।”

उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि मानक पूरे नहीं करने वाली परियोजनाओं से जुड़ी सभी मंजूरियां और भू-अभिलेख रेरा के पोर्टल पर बिना किसी विलम्ब के अपलोड कर दें। ऐसा न करने पर आगे कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।