संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र ने अफ्रीका, पश्चिम एशिया, एशिया और कैरिबियाई क्षेत्र के दस देशों में आपात मानवीय स्थितियों से निपटने के लिए 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की धनराशि शुक्रवार को जारी की।
संयुक्त राष्ट्र की कार्यवाहक प्रमुख जोयेस म्सुया ने कहा कि इन देशों में धन की कमी सहायता एजेंसियों को जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने से रोक रही है, “जो दुखदायी बात है।”
केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष (सीईआरएफ) की ओर से जारी नयी सहायता में से एक-तिहाई से ज्यादा धनराशि यमन (दो करोड़ अमेरिकी डॉलर) और इथोपिया (डेढ़ करोड़ अमेरिकी डॉलर) को जाएगी। यमन लगभग 10 वर्षों से गृहयुद्ध से जूझ रहा है, जबकि इथोपिया में सरकारी बल कई विद्रोही समूहों से लड़ने के साथ ही जातीय हिंसा की चुनौती झेल रहे हैं।
वर्षों से संघर्ष और विस्थापन से जूझ रहे देशों, जहां जलवायु संबंधी घटनाओं से मुश्किलें और बढ़ी हैं, वहां संचालित मानवीय अभियानों के लिए भी सहायता राशि जारी की गई है। इनमें म्यांमा (1.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर), माली (1.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर), बुर्किना फासो (एक करोड़ अमेरिकी डॉलर), हैती (90 लाख अमेरिकी डॉलर), कैमरून (70 लाख अमेरिकी डॉलर) और मोजाम्बिक (70 लाख अमेरिकी डॉलर) शामिल हैं।
अल-नीनो के प्रभाव के कारण आई बाढ़ और सूखे के चलते गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे दो देशों-बुरुंडी और मलावी के लिए क्रमश: 50 लाख अमेरिकी डॉलर और 40 लाख अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि जारी की गई है।
सीईआरएफ ने इस साल दूसरी बार विभिन्न देशों में आपात मानवीय स्थितियों से निपटने के लिए 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की धनराशि जारी की है। फरवरी में जारी पिछली राशि चाड, कांगो, होंडुरास, लेबनान, नाइजर, सूडान और सीरिया को प्रदान की गई थी।