नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए बृहस्पतिवार को भ्रष्टाचारियों के कथित महिमामंडन के चलन पर चिंता प्रकट की।
78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार के दीमक से परेशान रहा है, इसलिए हमने व्यापक रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है लेकिन उनकी प्रतिष्ठा राष्ट्र से बड़ी नहीं हो सकती।
भ्रष्टाचार के प्रति लोगों के गुस्से और राष्ट्र की प्रगति में होने वाले नुकसान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रहेगी, तीव्र गति से जारी रहेगी और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जरूर होगी। मैं उनके लिए भय का वातावरण पैदा करना चाहता हूं। देश के सामान्य नागरिक को लूटने की जो परंपरा बनी है उस परंपरा को मुझे रोकना है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में इतना महान संविधान होने के बावजूद कुछ ऐसे लोग हैं जो भ्रष्टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं और खुलेआम भ्रष्टाचार की जय-जयकार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘समाज में इस प्रकार के बीज बोने का जो प्रयास हो रहा है, भ्रष्टाचार का जो महिमामंडन हो रहा है… भ्रष्टाचारियों की स्वीकार्यता बढ़ाने का जो निरंतर प्रयास चल रहा है, यह स्वस्थ समाज के लिए बहुत बड़ी चुनौती तथा चिंता का विषय बन गया है।’’
मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों के प्रति समाज में दूरी बनाए रखने से ही इसके खिलाफ डर का वातावरण बनेगा।
उन्होंने कहा कि अगर भ्रष्टाचार का महिमामंडन होगा तो लोग इसके प्रति आकर्षित होंगे।