अर्थव्यवस्था को नयी गति देने के लिए लाया गया अनुपूरक बजट : मुख्यमंत्री आदित्यनाथ

लखनऊ, एक अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार पूरी तरह से वित्तीय अनुशासन का पालन कर रही है और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नयी गति देने के लिए बनायी गयी नयी मदों के लिए ही सदन में अनुपूरक बजट लाया गया है।

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये पेश किये गये बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा अनुपूरक बजट लाने के औचित्य पर उठाये गये सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा, ”पिछले सात वर्षों में जो प्रयास शुरू हुए हैं उसी का परिणाम है कि हम बजट के दायरे को दोगुना करने में सफल रहे। प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2015-16 की तुलना में दोगुने से ज्यादा बढ़ा है। यही बात प्रति व्यक्ति आय पर भी लागू होती है। यह दिखाता है कि हमारी दिशा सही है। इसे एक नयी गति देने के लिए जो नए मद बनाए गए हैं उनके लिए अनुपूरक बजट की जरूरत पड़ी।”

मुख्यमंत्री ने कहा, ”फरवरी में ही हमने अपना मूल बजट पारित किया जो 7,36,437 करोड़ 71 लाख रुपए का था। विभिन्न विभागों को औसतन 44 प्रतिशत बजट धनराशि जारी हुई है, जिसमें से 20 प्रतिशत से अधिक खर्च भी हो चुकी है। सरकार अगर समाज के सभी वर्गों के बारे में कार्ययोजना आगे नहीं बढ़ाती तो उत्तर प्रदेश के बजट के आयाम को बढ़ाने में हम सफल नहीं हो पाते।”

उन्होंने कहा, ”हम लोगों ने वित्तीय अनुशासन का पालन भी किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने एक व्यवस्था बनाई है कि आप अपने वित्तीय अनुशासन को बनाए रखते हुए अपना बजट बनाएंगे। उत्तर प्रदेश ने इस दिशा में बेहतरीन प्रयास किया है। राज्य में 25 करोड़ की आबादी रह रही है लेकिन इसके बावजूद अगर आप देश में अन्य राज्यों की तुलना में देखेंगे तो एफआरवीएम की जो सीमा है वह 3.5 है। उत्तर प्रदेश 2.86 पर अपने वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने में सफल हुआ है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, ”केंद्र सरकार ने देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की कार्य योजना तैयार की है। देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य होने के नाते उत्तर प्रदेश का भी दायित्व बनता था कि हम इस लक्ष्य की प्राप्ति में योगदान करें। इसके लिए उत्तर प्रदेश ने तय किया कि हम राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करेंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने जो प्रयास किए हैं उत्तर प्रदेश का यह बजट उसी श्रृंखला का एक हिस्सा है।”

उन्होंने कहा, ”प्रदेश में नए रोजगार सृजित हुए हैं। उत्तर प्रदेश की जो विकास दर है वह अगर इसी तरह से आगे बढ़ेगी तो आने वाले समय में हम लोग उत्तर प्रदेश में अपनी आबादी के अनुसार देश की जो जीडीपी है उसमें अपना योगदान देने में सफल होंगे। उत्तर प्रदेश आज देश के उन राज्यों में है जिन्होंने अपने संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के माध्यम से खुद को राजस्व आधिक्य वाले राज्य के रूप में स्थापित किया है। इसके लिए हमें कर चोरी रोकने की प्रभावी उपाय करने पड़े।”

मुख्यमंत्री ने मूलभूत अवसंरचना विकास के लिये किये जा रहे कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट और उसके बाद आए प्रस्ताव को मिलाकर देखें तो कुल मिलाकर लगभग 40 लाख करोड रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह प्रस्ताव अगर आगे बढ़ते हैं तो इससे लगभग सवा करोड़ से अधिक नौजवानों को रोजगार मिलेगा। पिछले सात वर्षों के अंदर 16 से 20 लाख करोड रुपए के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतारे गए हैं जिससे सात लाख से अधिक नौजवानों को रोजगार मिला है।

आदित्यनाथ ने अनुपूरक बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभागों को धनराशि दिये जाने का जिक्र किया और कहा,‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी कहना है कि देश में गरीब, किसान, महिला और युवा नाम की चार ही जातियां हैं। अगर हम ध्यान केंद्रित करके काम कर लें तो देश के अंदर कहीं भी भेदभाव की बू नहीं आएगी। इसी को केंद्र में रखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने अपना बजट प्रस्तुत किया है।’’

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण और सामाजिक उत्थान की विभिन्न योजनाओं का भी जिक्र किया और कहा, ”मैं सभी सदस्यों को आश्वस्त करता हूं कि अनुपूरक बजट को लेकर आपकी जो भावनाएं हैं, उन्हें वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना जी देखेंगे और उन्हें समयबद्ध रूप से आगे बढ़ाएंगे।”

इससे पहले, सदन में समाजवादी पार्टी और विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय ने राज्य सरकार द्वारा अनुपूरक बजट लाये जाने को वित्तीय अनियमितता करार दिया।

विपक्ष के नेता ने कहा, ”फरवरी में ही मूल बजट पारित हुआ था और उसका बहुत बड़ा हिस्सा अभी खर्च नहीं हुआ है। जिन विषयों पर अनुपूरक बजट लाया गया है उनमें भी बहुत बड़ा बजट बचा हुआ है। बजट बनाते समय वित्त मंत्री की बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वह पूरे प्रदेश की संभावनाओं पर विचार करें और फिर बजट को तैयार करें।”

पांडेय ने कहा, ”छह महीने के अंदर आप अनुपूरक बजट लाए हैं तो मैं यह समझता हूं कि आपने मूल बजट बनाते समय उनकी उपेक्षा की और इस तरह से अनुपूरक बजट लाना एक तरह से वित्तीय अनियमितता भी होती है।”

बाद में, अनुपूरक बजट को सदन में पारित कर दिया गया। उसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी गयी।