पेरिस, भालाफेंक सितारे सुमित अंतिल और शॉटपुट खिलाड़ी भाग्यश्री जाधव ने चैम्प्स एलिसीस एवेन्यू से शुरू होकर प्लेस डे ला कोंकोर्ड तक चार घंटे तक चले पैरालम्पिक खेल उद्घाटन समारोह में भारतीय दल की अगुवाई की ।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैन्युल मैकरोन ने खेलों की शुरूआत की घोषणा की । भारत ने पैरालम्पिक खेलों के इतिहास में अपना सबसे बड़ा 179 सदस्यीय दल भेजा है जिसमें 12 खेलों के 84 खिलाड़ी शामिल है ।
तोक्यो पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले अंतिम और चीन के एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक जीतने वाली भाग्यश्री भारतीय दल के ध्वजवाहक थे ।
उद्घाटन समारोह विविधता, लचीलापन और प्रतिस्पर्धा की भावना को समर्पित था और इसमें ऐसे प्रदर्शन शामिल थे जो फ्रांसीसी संस्कृति और दृढ़ संकल्प और समानता के पैरालम्पिक खेलों के मूल्यों की बानगी देते हैं ।
भारत ने खेलों के पिछले संस्करण में पाँच स्वर्ण सहित 19 पदक जीते थे और इस बार दोहरे अंकों में स्वर्ण पदक जीतकर इस संख्या को कम से कम 25 तक ले जाने की उम्मीद है।
टीम में कई दिग्गज खिलाड़ी शामिल हैं जिनमें राइफल निशानेबाज अवनी लेखरा (10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1) भी हैं जो तोक्यो में पैरालम्पिक स्वर्ण जीतने वाली पहली महिला बनीं।
अन्य पोडियम दावेदारों में पैरा-तीरंदाज शीतल देवी शामिल हैं, जो अपने पैरों से निशाना लगाती हैं क्योंकि वह बिना हाथों के पैदा हुई थीं। सुरंग विस्फोट से बचे होकाटो सेमा (शॉट पुटर) और नारायण कोंगनापल्ले (नौकायन खिलाड़ी)भी पदक उम्मीदों में हैं ।
भारत ने हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में 29 स्वर्ण सहित रिकॉर्ड 111 पदक जीते थे। विभिन्न शारीरिक और बौद्धिक विकलांगता वाले 4,000 से अधिक एथलीट इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे जिसका समापन 8 सितंबर को होगा।
अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स ने अपने भाषण में कहा, “पेरिस 2024 पैरालम्पिक खेल दिखाएंगे कि जब सफलता की बाधाओं को हटा दिया जाता है, तो विकलांग व्यक्ति उच्चतम स्तर पर क्या हासिल कर सकते हैं।”