जयपुर, 27 अगस्त (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) या एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में से किसे लागू करेगी ताकि कर्मचारियों में व्याप्त असमंजस दूर हो।
गहलोत ने इस बारे में ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘राजस्थान के कार्मिकों के हित एवं उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए हमारी सरकार ने 2022 में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की थी। अब भारत सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना ला दी है जिसके बाद राज्य के कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति है। वे जानना चाहते हैं कि यहां सरकार ओपीएस जारी रखेगी या यूपीएस लागू करेगी। इस पर राज्य सरकार अविलंब स्थिति स्पष्ट करे जिससे कार्मिक बिना किसी तनाव के अच्छे से काम कर सकें।’’
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार राजस्थान की भाजपा सरकार को यह भी बताना चाहिए कि भारत सरकार द्वारा नई पेंशन योजना (एनपीएस) का अंशदान इकट्ठा करने वाली पीएफआरडीए के पास राज्य सरकार के कर्मचारियों का 40,000 करोड़ रुपये जमा है।
उन्होंने कहा कि उनकी (पिछली) सरकार ने कई बार कर्मचारियों की इस जमा पूंजी को राज्य को लौटाने का अनुरोध किया परन्तु केन्द्र सरकार ने यह राशि नहीं लौटाई।
गहलोत ने लिखा,‘‘भाजपा सरकार ने अभी तक कर्मचारियों की इस मेहनत की जमा पूंजी को वापस लेने के लिए क्या कदम उठाए हैं और यह राशि कब तक वापस आएगी? क्या कथित ‘डबल इंजन’ सरकार का लाभ राज्य के सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिलेगा?’’