नयी दिल्ली, फिल्मकार हंसल मेहता ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश में न्याय की जीत होनी चाहिए। उन्होंने 2022 की अपनी फिल्म ‘फराज’ के लिए मिली धमकियों को याद किया। यह फिल्म ढाका में हुए आतंकवादी हमले पर आधारित है और देश में अब भी प्रतिबंधित है, क्योंकि इसमें अधिकारियों का कथित तौर पर खराब चित्रण किया गया है।
मेहता अक्सर विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। उन्होंने बांग्लादेश में घटित घटनाओं को देखते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक लंबी पोस्ट साझा की। बांग्लादेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं।
मेहता ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की 76 वर्षीय बेटी हसीना को “अत्यधिक तानाशाह नेता” करार दिया, जो अपनी किसी भी आलोचना से डरती हैं। मेहता ने कहा, “साल 2016 में ढाका के होले आर्टिसन बेकरी पर हुए हमले पर आधारित फिल्म ‘फराज’ की रिलीज को लगभग 18 महीने तक रोकने की कोशिश की गई। उस समय के बहुत ही मिलनसार बांग्लादेशी उच्चायुक्त ने मुझसे घर पर मुलाकात की, मुझे भारतीय ‘कैबिनेट सचिवालय’ के कथित सूत्रों द्वारा लगातार धमकाया गया।”
मेहता ने लिखा, “मुझे उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों, कथित गुप्तचर सेवा एजेंट से कई कॉल आए, मुझे आतंकवादी संगठनों से कथित खतरों के लिए पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है, मुझे भारतीय अदालतों में लंबी मुकदमेबाजी से गुजरना पड़ा, कई लोगों ने मुझ पर असभ्य आरोप लगाए, मैं अभी भी बांग्लादेश की अदालतों में फर्जी मुकदमेबाजी से जूझ रहा हूं…।”
फिल्म “फराज” में जहान कपूर, आदित्य रावल, जूही बब्बर और आमिर अली ने भूमिका निभायी है।