नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड उद्योग से सक्रियता से दबाव परीक्षण करने को कहा है। यह वित्तीय क्षेत्र में जोखिम प्रबंधन के लिए एक प्रमुख तत्व है।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण गोपालकृष्णन ने शुक्रवार को कहा कि नियामक का दबाव परीक्षण विशेष रूप से छोटी एवं मझोली इक्विटी योजनाओं में नकदी जोखिमों का आकलन व प्रबंधन करने की आवश्यकता पर बल देता है।
म्यूचुअल फंड पर एक कार्यक्रम में गोपालकृष्णन ने न केवल व्यक्तिगत योजनाओं या फंड हाउस के लिए बल्कि पूरे म्यूचुअल फंड परिदृश्य के लिए दबाव परीक्षण के महत्व को रेखांकित किया।
गोपालकृष्णन ने कहा, ‘‘ समग्र संयुक्त म्यूचुअल फंड परिदृश्य के लिए दबाव परीक्षण का मॉडल तैयार करना महत्वपूर्ण है। मैं उद्योग तथा एसोसिएशंस ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) को दृढ़तापूर्वक प्रोत्साहित करूंगा कि वे स्वयं आगे आएं और उद्देश्यपूर्ण तथा विश्वसनीय उद्योग-व्यापी दबाव परीक्षण करें।’’
उन्होंने विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं से जुड़े जोखिमों को बेहतर तरीके से समझने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
गौरतलब है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) और लोगों द्वारा म्यूचुअल फंड में हिस्सेदारी मार्च, 2020 तक सभी मिडकैप तथा स्मॉलकैप कंपनियों के ‘फ्री फ्लोट’ के करीब 54.3 प्रतिशत से बढ़कर मार्च, 2024 तक 60.6 प्रतिशत हो गई थी।