पलक्कड़ (केरल), 31 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत और छह संयुक्त महासचिवों की मौजूदगी में इसकी तीन-दिवसीय ‘अखिल भारतीय समन्वय बैठक’ शनिवार को यहां शुरू हुई।
आरएसएस की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैठक में ‘‘संघ से प्रेरित’’ 32 संगठनों के राष्ट्रीय स्तर के नेता भी शामिल हो रहे हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे पी नड्डा, इसके महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष, विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख आलोक कुमार और भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या शामिल हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर की समन्वय बैठक के पहले दिन, संघ से प्रेरित इन 32 संगठनों के नेताओं और उनके लगभग 300 ‘कार्यकर्ताओं’ को वायनाड में हाल ही में हुए भूस्खलन और स्वयंसेवकों द्वारा किए गए राहत और सेवा कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। इन कार्यकर्ताओं में महिलाएं भी शामिल हैं।
विभिन्न संगठनों के संगठन सचिवों ने अपनी गतिविधियों के बारे में जानकारी और अनुभव साझा किये।
बयान में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा बैठक में राष्ट्रीय हित के विभिन्न मुद्दों के मौजूदा परिदृश्य, हाल की महत्वपूर्ण घटनाओं और सामाजिक परिवर्तन के अन्य आयामों तथा योजनाओं पर चर्चा की गई।’’
संगठनों के प्रतिनिधियों ने विभिन्न मुद्दों पर आपसी सहयोग और समन्वय को और बढ़ाने के लिए आवश्यक उपायों पर भी चर्चा की।
आरएसएस ने शुक्रवार को कहा था कि बैठक में राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों और 2025 में उसकी स्थापना के शताब्दी वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में शुरू की जाने वाली पहलों पर चर्चा होगी।
बैठक 31 अगस्त से दो सितंबर तक होगी। आरएसएस ने शुक्रवार को कहा था कि चूंकि संगठन 2025 में विजयादशमी पर अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है, इसलिए वह सामाजिक सुधार और राष्ट्र निर्माण के लिए पांच पहल शुरू करेगा।